जबलपुर: तृतीय श्रेणी कर्मचारी से सेवानिवृत्ति के बाद नहीं कर सकते रिकवरी

  • याचिकाकर्ता पर 84 हजार 775 रुपए की रिकवरी निकाल दी
  • तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से रिकवरी नहीं की जा सकती
  • अधिकारी यह बताने में विफल रहे हैं कि कैसे वेतन गणना में त्रुटि हुई है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-04 13:16 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के प्रतिपादित सिद्धांत का उल्लेख करते हुए यह व्यवस्था दी कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से सेवानिवृत्ति के बाद रिकवरी नहीं की जा सकती। इस मत के साथ जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता ड्राइवर के विरुद्ध जारी किया गया रिकवरी आदेश निरस्त कर दिया। छिंदवाड़ा निवासी रमेश खुरसांगे की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा व शिवम शर्मा ने पक्ष रखा।

उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता नगर पालिका परिषद मैहर से ड्राइवर के पद से सेवानिवृत्त हुए। विभाग ने गलत वेतन गणना का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता पर 84 हजार 775 रुपए की रिकवरी निकाल दी। यह रिकवरी जुलाई 2007 से सेवानिवृत्ति तक की निकाली गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि विभाग में प्रत्येक वर्ष ऑडिट होता है, ऐसे में संबंधित अधिकारी यह बताने में विफल रहे हैं कि कैसे वेतन गणना में त्रुटि हुई है। यह दलील भी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने थॉमस डेनियल के मामले में यह प्रावधान दिया है कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से रिकवरी नहीं की जा सकती।

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