जबलपुर: कचरे से भरे बड़े नाले, जिम्मेदार नहीं चेते तो मचेगा हाहाकार

  • 15 जून से मानसून आने का अनुमान, हर साल शहर के कई इलाके हो जाते हैं जलमग्न
  • नालों की सफाई शुरू नहीं की तो पहली बारिश के साथ शहर में हाहाकार जरूर मचेगा
  • शहर के लगभग सभी बड़े नाले कचरे-मलबों से भरे पड़े हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-03 13:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। केरल समेत लगभग पूरे दक्षिण भारत में मानसून छाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि 15 जून तक जबलपुर में भी मानसूनी बारिश शुरू हो सकती है। हर साल तेज बारिश के साथ शहर में जगह-जगह पानी भराव की समस्या शुरू हो जाती है, क्योंकि समय पर ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जाता।

खासकर बड़े नालों की सफाई नहीं होने की वजह से शहर के पुराने मोहल्लों के साथ कई काॅलोनियाँ जलमग्न हो जाती हैं और घरों में भी पानी घुस जाता है। अगर नगर निगम प्रशासन अभी नहीं चेता और नालों की सफाई शुरू नहीं की तो पहली बारिश के साथ शहर में हाहाकार जरूर मचेगा, जिसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ेगा।

सफाई पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

शहर में नगर निगम द्वारा नियमित सफाई के साथ छोटे नाले-नालियों की सफाई तो की जा रही है लेकिन बड़े नालों की तरफ काेई ध्यान नहीं दिया जा रहा। शहर के लगभग सभी बड़े नाले कचरे-मलबों से भरे पड़े हैं, जिसके कारण बारिश के दौरान इन नालों में पानी की ठीक से निकासी नहीं होने से भीतरी इलाकों में पानी भरने लगता है।

यहाँ बनते हैं जल प्लावन के हालात

सबसे ज्यादा दिक्कत सिविक सेंटर, नरघैया, शुक्ला नगर, गढ़ा, तुलसी नगर, जानकी नगर आदि क्षेत्र में होती है, वहीं गढ़ा शिव नगर समेत आसपास की कई काॅलोनियों में तो नाव चलने की नौबत आ जाती है। विगत वर्ष भी समय पर बड़े नालों की सफाई नहीं होने के कारण शहर के कई इलाकों में भारी परेशानी हुई थी, जो कई दिनों तक चलती रही थी।

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