जबलपुर: शहपुरा के दो गोदामों में पहुँची भोपाल की टीम को मिलीं सवा लाख मिलावटी धान की बोरियाँ

  • अनियमितता पाए जाने पर संचालकों के विरुद्ध होगी कठोर कार्रवाई
  • खमदेही स्थित गोदामों से लिए गए सैम्पल
  • वेयर हाउस में कई बोरियों में रखी धान मिक्स पाई गई है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-10 12:54 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।  भोपाल से आई टीम ने शहपुरा के दो गोदामों में छापेमार कार्रवाई की और सैम्पल लिए तो धान में मिलावट नजर आई और यह धान नॉन एफएक्यू है। जिले में हाल के दिनों की यह पहली ऐसी कार्रवाई है इसलिए अब अन्य वेयर हाउस संचालकों में हड़कम्प मच गया है।

बताया जाता है कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भोपाल से भेजे गए अधिकारियों एवं सर्वेयरों की टीम ने मंगलवार को शहपुरा स्थित उन दो गोदामों के भीतर रखी धान के सैम्पल लिए जहाँ खरीदी केन्द्र नहीं बनाए जाने के बावजूद बड़ी मात्रा में धान का भण्डारण पाया गया है।

प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक सीएस जादौन ने बताया कि भोपाल से आए अधिकारियों और सर्वेयर की टीम ने कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर शहपुरा तहसील के अंतर्गत खमदेही स्थित प्रमोद कुर्मी वेयर हाउस एवं बलराज वेयर हाउस के भीतर स्टेकिंग कर रखे गए धान के सैम्पल लिए हैं। प्रमोद कुर्मी वेयर हाउस में 76 हजार बोरियों में भरी धान का स्टेक लगाया गया है। इसी प्रकार बलराम वेयर हाउस में 48 हजार बोरियों में धान की स्टेकिंग की गई है।

सैम्पल लेने के दौरान दोनों वेयर हाउस में कई बोरियों में रखी धान मिक्स पाई गई है, जबकि कई में नॅान एफएक्यू धान रखी पाई गई है। उन्होंने बताया कि सर्वेयरों द्वारा लिए धान के नमूने परीक्षण रिपोर्ट में यदि अमानक धान पाई जाती है तो वेयर हाउस संचालकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। दोनों वेयर हाउस में रखी धान की सैम्पलिंग के दौरान एसडीएम शहपुरा अभिषेक सिंह, वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के भोपाल से आए अधिकारी संजीव तोमर, जिला विपणन अधिकारी अर्पित तिवारी एवं भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी भी मौजूद थे।

बताया जाता है कि बिना अनुमति करीब 44 वेयर हाउसों में धान की खरीदी हुई थी। जाँच में 36 वेयर हाउस ऐसे थे जिनमें धान पाई गई।

जानकारों का कहना है कि लगभग 1 लाख 50 हजार क्विंटल से लेकर पौने दो लाख क्विंटल धान का अवैध तरीके से भंडारण कराया गया था। अब कोशिश यह है कि इस धान को सीधे मिलर्स उठा लें तो आसानी रहेगी कि वे उतनी मात्रा में चावल दे देंगे जबकि वेयर हाउसों में धान का भंडारण हुआ तो एफएक्यू और नॉन एफएक्यू का अड़ंगा रहेगा।

जाँच के बाद भी जारी रही बदमाशी

पाटन के दो वेयर हाउस ऐसे रहे जहाँ पहली जाँच में धान की जितनी मात्रा थी दूसरी जाँच में वह डबल हाे गई। शासन द्वारा 24 दिसम्बर को कराई गई जाँच में साईं वेयर हाउस संचालक श्रीमती पारुल में 14 हजार क्विंटल धान पाई गई जबकि दूसरी जाँच 7 जनवरी को हुई जिसमें धान नहीं मिली।

वहीं माँ रेवा वेयर हाउस भड़रीकला पनागर संचालक रंजीत पटेल के वेयर हाउस में पहली जाँच में 8 हजार क्विंटल धान मिली जबकि 7 जनवरी की जाँच में यहाँ 16 हजार क्विंटल धान मिली। ठीक ऐसे ही फार्मर वेयर हाउस ग्राम बरौदा पनागर संचालक रंजीत पटेल के यहाँ पहली जाँच में 5 हजार क्विंटल तो 7 जनवरी की जाँच में 15 हजार क्विंटल धान मिली।

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