जबलपुर: छलक भी नहीं पाया और बह गया अमृत सरोवर

  • सरपंच, सचिव और इंजीनियर पर भ्रष्टाचार के आरोप, जिला पंचायत सीईओ ने गठित की जाँच टीम
  • वास्तव में यदि भ्रष्टाचार किया गया है तो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।
  • रिपोर्ट के आधार पर देखा जाएगा कि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ या फिर यह एक दुर्घटना है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-09 13:44 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पनागर के ग्राम पंचायत पड़री में विगत दिवस एक निर्माणाधीन अमृत सरोवर बह गया। पानी रोकने बिना लोहे के कांक्रीट के बड़े-बड़े बंध तिनकों की भांति तितर-बितर हो गए।

इस मामले में उस समय और विवाद हो गया जब उप-सरपंच ने ग्राम पंचायत की सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और इंजीनियर पर भी करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए। वहीं इस मामले में सीईओ जिला पंचायत ने एक टीम का गठन किया है जो जल्द ही मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी और रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

सीईओ जिला पंचायत जयति सिंह को सौंपी एक शिकायत में पड़री ग्राम पंचायत की उप-सरपंच ममता प्रजापति ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर के निर्माण के लिए करीब 30 लाख रुपए पंचायत को प्रदान किए गए थे जिस पर बमुश्किल कुछ लाख रुपए खर्च किए और गुणवत्ताहीन कार्य करते हुए बिना लोहे के बंध बनाए गए थे जाे कि बारिश के पानी का फोर्स सह नहीं सके और बह गए। इस पानी के कारण कई किसानों की फसलें भी खराब हो गई हैं।

वहीं पंचायत की सरपंच रोशनी भूमिया, सचिव प्रमोद भूमिया, रोजगार सहायक आनन्द काछी और इंजीनियर आशुतोष पर मिल जुलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया है।

लाखों रुपए का किया गया भ्रष्टाचार

उप-सरपंच ने पत्र में आरोप लगाया कि सरपंच और उनकी टीम ने ग्राम में विकास के नाम पर लाखों रुपयों का भ्रष्टाचार किया है और इनकी कई बार शिकायत की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। पत्र में उल्लेख है कि सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और इंजीनियर ने अब तक कई योजनाओं के नाम पर लाखों रुपयों का भ्रष्टाचार किया है। इन सभी की जाँच कराई जानी चाहिए और कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

कई किसानों की धान की फसल बर्बाद

उप-सरपंच ममला प्रजापति का कहना है कि जब अचानक से अमृत सरोवर का निर्माण बहा तो भारी जलराशि ने कई खेतों में बर्बादी मचाई। इसमें कई किसानों की धान की फसल भी बर्बाद हो गई। उनका कहना है कि सरपंच और उनके सहयोगी लगातार फर्जी बिल लगाकर राशि निकाल रहे हैं।

मामला संज्ञान में आया है, हमने पीओ नरेगा और ईई आरईएस को मिलाकर एक टीम बनाई है। यह टीम पड़री गाँव जाएगी और मौके का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी।

रिपोर्ट के आधार पर देखा जाएगा कि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ या फिर यह एक दुर्घटना है। वास्तव में यदि भ्रष्टाचार किया गया है तो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।

- जयति सिंह, सीईओ जिला पंचायत

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