जबलपुर: एजी ऑफिस बताए कि किस सोर्स ने भेजी गलत सूचना, ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए
- डॉ. अजय लाल के मामले में हाईकोर्ट के निर्देश, अतिरिक्त महाधिवक्ता पेश करें हलफनामा
- अवैधानिक अडॉप्शन का मामला भी दर्ज किया।
- कोर्ट ने अभी भी अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल के मामले में गलत सूचना देने पर कड़ा रुख अपनाया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने एडवोकेट जनरल ऑफिस को यह बताने कहा है कि किस सोर्स (अधिकारी) ने अदालत को गलत सूचना भेजी है, ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
कोर्ट ने इस संबंध में अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह को हलफनामा पेश करने कहा है। कोर्ट ने अभी भी अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है। वहीं, डॉ. लाल की उपस्थिति पर कोर्ट ने उनकी हाजिरी माफी स्वीकार कर ली।
डॉ. लाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा, शशांक शेखर व अधिवक्ता भूपेश तिवारी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता डॉ. लाल ने अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं की। वे देश में ही थे।
दमोह के पुलिस अधीक्षक और महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर कहा गया कि याचिकाकर्ता देश छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कोर्ट से एसपी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई करने की माँग भी की।
गौरतलब है कि दमोह पुलिस ने डॉ. लाल के खिलाफ मानव तस्करी का प्रकरण दर्ज किया था। इसके अलावा अवैधानिक अडॉप्शन का मामला भी दर्ज किया। डॉ. लाल ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। डॉ. लाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने दलील दी कि आरोप गलत हैं।
डॉ. लाल का बाल गृह 2023 में बंद हो गया है। बच्चों का अडॉप्शन हो गया है। विगत 7 अगस्त को हाईकोर्ट ने डॉ. लाल के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी। मामले पर 31 अगस्त को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने डॉ. लाल को उनके ओरिजिनल पासपोर्ट के साथ 2 सितंबर को हाजिर होने के निर्देश दिए थे।