करप्शन: नेता नगरी में कमीशन की रिश्वतखोरी, लोकायुक्त पुलिस सागर का नगर परिषद अमानगंज में छापा

  • तीस हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हांथ पकडीं गईं नगर परिषद की अध्यक्ष
  • नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका खटीक
  • कार्यवाही करती हुई लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-03 11:40 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में अब सरकारी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे थे। जिन पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाहियां की जा चुकीं हैं परंतु अब अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ नेता नगरी में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले सामने आने लगे हैं। जिले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए पहली बार नगर परिषद अमानगंज की अध्यक्ष श्रीमती सारिका खटीक पत्नि शारदा खटीक को तीस हजार रूपए की रिश्वत के मामले में रंगे हांथों नगर परिषद अमानगंज के कार्यालय में पकडे जाने की कार्यवाही की गई है। लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा आरोपी नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती खटीक के विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही के संबध में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार अमानगंज के वार्ड क्रमांक 5 निवासी राघवेन्द्र राज मोदी द्वारा एसपी लोकायुक्त संभाग सागर को इस आशय की शिकायत की गई कि उनका लिफ्टर वाहन अमानगंज नगर परिषद में लगा हुआ है। जिसका चार माह का भुगतान नहीं हुआ है और उसके भुगतान के लिए नगर परिषद की अध्यक्ष द्वारा उनसे 40 हजार की रिश्वत बिल निकलने के एवज में मांगी जा रही है। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा शिकायत को गंभीरता से लिया गया तथा शिकायत के सत्यापन के लिए लोकायुक्त पुलिस की एक टीम गठित की गई। जिसके द्वारा दिनांक 30 अप्रैल 2024 को अमानगंज पहुंचकर शिकायत के सत्यापन संबधी कार्यवाही कर वाईस रिकार्डिंग की गई। शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यवाही के लिए एक टीम गठित की गई।

लोकायुक्त की 11 सदस्यीय टीम उप पुलिस अधीक्षक मंजू पटेल, ट्रेपकर्ता निरीक्षक रोशनी जैन, निरीक्षक रंजीत तथा लोकायुक्त के स्टॉफ के साथ आज सागर से अमानगंज पहुंची और शिकायतकर्ता के साथ कार्यवाही को लेकर योजना तैयार की गई और योजना के अनुसार शिकायतकर्ता को नगर परिषद कार्यालय में मौजूद नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका खटीक को कैमिकल से लगे तीस हजार रूपए की रिश्वत की रकम देने के साथ ही भेजा गया। जहां पर उन्होंने रूपए हांथ में लेकर बैग में डाले। इसके बाद जैसे ही लोकायुक्त पुलिस को रिश्वत दिए जाने की पुष्टि हुई वहां मौजूद लोकायुक्त पुलिस द्वारा तत्काल ही दबिश देकर नगर परिषद अध्यक्ष को घेरे में लिया गया तथा ट्रेप कार्यवाही की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। सुरक्षा की दृष्टि से ट्रेप दल द्वारा आरोपी नगर परिषद अध्यक्ष को पुलिस थाना ले जाया गया जहां पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेप संबधी कार्यवाही पूरी की गई तथा आरोपी नगर परिषद के अध्यक्ष के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। लोकायुक्त पुलिस की इस कार्यवाही से नगर परिषद में हडकम्प की स्थिति बनीं रही। शिकायतकर्ता राघवेन्द्र राज मोदी ने बताया कि भुगतान के लिफ्टर मशीन नगर परिषद अमानगंज में किराए पर लगाई गई थी इसके लिए 34 हजार रूपए किराया तय किया गया था। चार महीने से बिल का पेमेण्ट नगर परिषद ने नहीं किया था। कुल 1 लाख 33 हजार 332 रूपए बकाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बकाया भुगतान के लिए जब सारिका खटीक से कहा गया तो उन्होंने 40 हजार रूपए की रिश्वत मांगी और दस हजार रूपए की पहली किश्त पहले ही ली थी।

दमोह के हटा से भाजपा विधायक उमा खटीक की पुत्री हैं सारिका

आरोपी नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका खटीक भाजपा की बडी नेत्री हैं जो कि दमोह जिले के बडे राजनैतिक परिवार की पृष्ठभूमि आती हैं। शादी से पहले वह दमोह जिले से दो बार जिला पंचायत की सदस्य भी रह चुकीं हैं इसके बाद उनकी शादी अमानगंज में शारदा खटीक से हुई थी। शादी के बाद वह पन्ना जिले में भाजपा में राजनीति में सक्रिय हो गईं और महिला मोर्चा के पदों पर रहीं। वर्तमान में मण्डल महामंत्री और अमानगंज नगर परिषद की अध्यक्ष भी हैं। श्रीमती खटीक की माताजी श्रीमती उमा खटीक हटा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक हैं।

आरोपी नगर परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उनके खिलाफ साजिश हुई

लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका खटीक द्वारा कहा गया कि जो आरोप लगे हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं कोई सबूत सामने नहीं आया है। साजिश के तहत लोकायुक्त में शिकायत की गई है। लोकायुक्त की टीम ने जांच की उन्हें 15 दिन पहले धमकी दी गई थी जिसे मैंने अनसुना कर दिया था। गुड्डी मोदी व डॉ. सौरभ उनके पास आए थे और मुझे तीस हजार रूपए रखने के लिए दिए थे डॉ. सौरभ ने कहा कि भाभी यह पैसे रख लो। जिस पर श्रीमती खटीक ने कहा कि जिस लिफ्टर मशीन की बात सामने आ रहीं हैं वह नगर परिषद की है। इनका ट्रैक्टर लगाया गया था जिसके लिए हर महीने 33 हजार रूपए पेमेण्ट किया जाता था विरोध होने पर परिषद में प्रस्ताव पास हुआ कि इस वाहन को बाहर किया जाये। इसीलिए साजिश रची गई।

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