नुकसान: जंगली हाथियों ने फिर उजाड़ दी तुअर की फसलें
अरततोंडी, पलसगांव, पाथरगोटा और डोंगरगांव के किसान रो रहे खून के आंसू
डिजिटल डेस्क, देसाईगंज (गड़चिरोली)। पिछले एक सप्ताह से जंगली हाथियों ने देसाईगंज वनपरिक्षेत्र और आरमोरी वनपरिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 84 और 85 में अपना डेरा जमा रखा हैै। कक्ष क्रमांक 84 और 85 वन क्षेत्र में आनेवाले अरततोंडी, पलसगांव, पाथरगोटा और डोंगरगांव-हलबी के खेत परिसर में लगाई तुअर फसल को आरमोरी वनपरिक्षेत्र से देसाईगंज वनपरिक्षेत्र में प्रवेश करते हुए सोमवार, 25 दिसंबर की देर रात जंगली हाथियों ने तहस-नहस किया जिसमें अरततोंडी, पलसगांव, पाथरगोटा, डोंगरगांव के किसानों का काफी नुकसान हुआ है। वनाधिकारी की जानकारी के अनुसार जंगली हाथियों का मंगलवार, 26 दिसंबर का लोकेशन अरततोंडी के वनों पाया गया। बता दें कि, पिछले दो वर्षों से गड़चिरोली जिले में ड़ेरा जमाकर जंगली हाथियों द्वारा बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचायी जा रही है। जंगली हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए वनविभाग की ओर से पुरजोर प्रयास किए जा रहे है। लेकिन जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक सप्ताह से जंगली हाथी देसाईगंज वनपरिक्षेत्र और आरमोरी वनपरिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 84 और 85 के वनों में घूम रहे है। अरततोंडी, पलसगांव, पाथरगोटा और डोंगरगांव के किसानों ने जंगली हाथियों द्वारा तहस-नहस की गई तुअर फसल का पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग वनविभाग से की है। वनविभाग के अधिकारियों ने नुकसान का पंचनामा कर जल्द मुआवजा प्रदान करने का आश्वासन दिया है।