आरोप: अनुसूचित क्षेत्र से गांवों को कम करने का राज्य सरकार को अधिकार नहीं

  • शेकाप के रामदास जराते ने लगाया आरोप
  • कहा- नाराज ओबीसी को खुश करने का भाजपा कर रही प्रयास

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-27 12:55 GMT

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। किसी भी परिसर के अनुसूचित क्षेत्र की सूची में समाविष्ट गांवों को कम करने अथवा नए गांवों को जोड़ने का राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है। हाल ही में राज्य सरकार ने गड़चिरोली जिले के अनुसूचित क्षेत्र से 288 गांवों को कम करने की जानकारी क्षेत्र के विधायक डा. देवराव होली ने दी है। आगामी चुनाव के मद्देनजर भाजपा विधायक द्वारा ओबीसी को यह गुमराह करने का प्रयास है। यह आरोप गुरुवार को एक पत्र परिषद में शेतकरी कामगार पक्ष के रामदास जराते ने लगाया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि, धारा 244 (1) के अनुसार पांचवीं अनुसूचि अस्तित्व में है। इस अनुसूचि के भाग ख की धारा 4 (2) के तहत जनजाति सलाहकार परिषद को केवल राज्यपाल द्वारा निर्देश मिलने पर ही जनजाति के कल्याण और उन्नति के लिए परिषद को सलाह देने के स्पष्ट आदेश है।

अनुसूचित क्षेत्र से किसी गांव को कम करना अथवा नये गांवों को जोड़ने का अधिकार केवल राज्यपाल को है। ऐसे में अब तक देश की राष्ट्रपति अथवा राज्य के राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्र के गांवों के संदर्भ में किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया है। इस कारण जनजाति सलाहकार परिषद को सामने रखते हुए जिले के 288 गांवों को अनुसूचित क्षेत्र से कम करने की जानकारी देने वाले विधायक डा. होली केवल ओबीसी को गुमराह कर रहे हैं। आगामी चुनाव के मद्देनजर उनके द्वारा यह प्रयास किये जाने का आरोप जराते ने इस समय लगाया। भाजपा सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे ओबीसी समाज के नागरिक आगामी चुनाव में भाजपा को यकीनन इसका जवाब देंगे। ऐसी जानकारी भी रामदास जराते ने दी।पत्र परिषद में शेकाप के युवा आघाड़ी के जिलाध्यक्ष अक्षय कोसनकर, जिला समिति सदस्य तुकाराम गेडाम, बीआरएसपी के जिला प्रभारी राज बंसाेड, आदिवासी विकास युवा परिषद के विनोद मडावी, मारोडा गांव के सरपंच जगदीश मडावी, तोहगांव ग्रामसभा के संतोष वड्‌डे, मुकेश पोटावी, केडीगट्‌टा ग्रामसभा के गणेश मट्‌टामी, नत्थू उसेंडी आदि उपस्थित थे।

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