वन विभाग परेशान: घने वनों में छिपे जंगली हाथियों का पांच दिन बाद मिला लोकेशन

  • हथिनी की मौत से गम में डूबा जंगली हाथियों का झुंड घने जंगलों में छिपा
  • पहले काफी मचाया था उत्पात, 6 की हो चुकी है मौत
  • अब शांत बैठा झुंड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-06 12:07 GMT

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। पिछले पांच दिनों से गम में डूबा जंगली हाथियों का झुंड घने जंगलों में छिपा हुआ था। इस दौरान जंगली हाथियों ने किसी भी जगह पर काेई नुकसान नहीं किया। कुरखेड़ा तहसील के वाढ़ोना खेत परिसर में बिजली का करंट लगने से एक हथिनी की पांच दिन पूर्व मृत्यु हो गयी थी। तब से जंगली हथियों का झुंड नहीं दिखाई दिया था। लेकिन वनविभाग की ओर से निरंतर गश्त कर जंगली हाथियों को खोजने की मुहिम चलाई गई।जिसके तहत वनविभाग के कर्मचारियों को सफलता मिली और घने वनों में छिपे जंगली हाथियों के झुंड का लोकेशन वड़सा वनपरिक्षेत्र के तहत कक्ष क्रमांक 80 व 81 में विहिरगांव, पिंपलगांव, अरततोंडी के जंगल परिसर में दिखाई देने की जानकारी वनविभाग की ओर से दी गई है।

बता दें कि, पिछले ढाई वर्षों से ओड़ीसा राज्य के जंगली हाथी गड़चिरोली जिले में मौजूद है। इस कालावधि में हाथियों ने जिले के धानोरा, कुरखेड़ा, कोरची, आरमोरी, देसाईगंज और गड़चिरोली तहसील के विभिन्न गांव परिसर में पहुंचकर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया। इन हाथियों ने मनुष्यों पर भी हमला किया जिसमें 6 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। इसी बीच गत रविवार, 31 दिसंबर को बिजली का करंट लगने से एक हथिनी की मृत्यु हुई जिसके गम में पिछले पांच दिनों से जंगली हाथियों का झुंड घने जंगलों में छिपा बैठा था। लेकिन वनविभाग की जद्दोजहद से पांच दिनों के बाद जंगली हाथियों के लोकेशन का पता चला है। अब जंगली हाथियों का झुंड वड़सा वनपरिक्षेत्र के तहत कक्ष क्रमांक 80 व 81 में होने की जानकारी क्षेत्रसहायक कैलास अंबादे व क्षेत्रसहायक तेजस अलोने ने दी है। जंगली हाथियों का लोकेशन खोजने का कार्य वनविभाग के कर्मचारियों की टीम ने किया।

नरभक्षी बाघ की तलाश में ताड़ोबा और गड़चिरोली की टीमों का संयुक्त ऑपरेशन जारी

गड़चिरोली वनविभाग में नरभक्षी बाघ की दहशत है। दो दिन पूर्व बुधवार को गड़चिरोली जिला मुख्यालय समीपस्थ वाकड़ी गांव की जंगल में लकड़ियां चुनने गयी एक महिला पर नरभक्षी बाघ ने हमला किया जिसमें महिला की मौके पर ही मृत्यु हो गयी। चहुंओर से नरभक्षी बाघ के बंदोबस्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वनविभाग एक्शन मोड पर आ गया है। गुरुवार को चंद्रपुर के ताड़ोबा की टीम को बुलाकर गड़चिरोली वनविभाग की टीम और ताड़ोबा की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर नरभक्षी बाघ को पकड़ने की कवायद शुरू की।। गत वर्ष में बाघ के हमले में करीब 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं शुरू वर्ष के पहले ही सप्ताह में गड़चिरोली शहर मुख्यालय समीपस्थ वाकड़ी गांव के जंगल में लकड़ियां चुनने गयी महिला पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे महिला की मौत हो गई। वनविभाग ने चंद्रपुर के ताड़ोबा की टीम को बाघ पकड़ने के लिए बुलाकर गड़चिरोली वनविभाग की टीम के साथ दोनों टीमे बाघ को पकड़ने के लिए जुट गयी है। हालांकि, शुक्रवार को दिनभर जंगल में घूमकर नरभक्षी बाघ की खोजबीन करने के बाद भी सफलता नहीं मिली। लेकिन दो टीमों के जरिए बाघ को पकड़ने मुहिम शुरू किये जाने से बाघ जल्द ही पकड़े जाने की उम्मीद जताई जा रही है।


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