नुकसान: फिर शंकर नगर में दाखिल हुआ जंगली हाथियों का झुंड, मक्के की फसल कर दी तहस-नहस

  • किसानों ने की वित्तीय सहायता की मांग
  • खड़ी फसल नष्ट होने से संकट में किसान
  • कभी मौसम तो कभी वन्यजीव से बर्बाद हो रही फसल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-20 09:43 GMT

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। चार दिन पूर्व शंकरनगर परिसर के खेतों में फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाने के बाद जंगली हाथियों के झुंड ने आरमोरी वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले सावलखेड़ा और कराड़ी के खेतों की फसलों को नष्ट कर दिया था। रविवार की रात हाथियों का झुंड एक बार फिर शंकरनगर परिसर में लौट आया है। रातभर में हाथियों ने गांव के दर्जनों किसानों की मक्का फसल को तहस-नहस कर दिया है। खड़ी मक्का फसल पूरी तरह नष्ट हो जाने से एक बार फिर शंकरनगर के किसान संकट में आन पड़े हैं। इस संकट से उबरने के लिए संबंधित किसानों ने सरकार से वित्तीय मदद की गुहार लगायी है।

बता दें कि, 2 वर्ष पूर्व ओड़िसा राज्य से जंगली हाथियों के झुंड ने गड़चिरोली जिले में प्रवेश किया था। तभी झुंड के हाथी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। खरीफ सत्र में धान की फसलों को नष्ट करने के बाद अब रबी सत्र में किसानों द्वारा लगायी गयी मक्का, धान, मिर्च और सब्जियों की फसलों काे तबाह किया जा रहा है। रविवार की रात हाथियों के झुंड आरमोरी वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले कक्ष क्रमांक 34 में प्रवेश किया। इस क्षेत्र के शंकरनगर गांव से सटे खेतों में प्रवेश करते हुए हाथियों ने मक्का की सारी फसलों को नष्ट कर दिया। खड़ी मक्का फसल जमींदोज हो जाने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सोमवार की सुबह वनविभाग की टीम ने शंकरनगर के खेतों में पहुंचकर नुकसान का पंचनामा किया। जंगली हाथियों का झुंड कक्ष क्रमांक 34 के परिसर में होने के कारण स्थानीय किसान व नागरिकों में भयपूर्ण माहौल बना हुआ है। 

खरीफ के नुकसान से उबरने कर रहे थे मक्के की खेती

खरीफ सत्र के दौरान इस वर्ष अतिवृष्टि और बाढ़ ने धान की फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाया था। इसी कारण इस नुकसान से उबरने के लिए शंकरनगर परिसर के किसानों ने बड़े पैमाने पर मक्के की फसल लगायी थी। शंकरनगर परिसर पूरी तरह बंगाली भाषी होकर इस वर्ष बड़े पैमाने पर मक्का फसल बोई गयी। वर्तमान में इस फसल पर फल उगने लगे हैं। आने वाले कुछ ही दिनों में कटाई का कार्य भी शुरू होने वाला है। लेकिन ऐसी स्थिति में ही जंगली हाथी मक्के की फसल को निशाना बना रहे हैं, जिससे किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर गया।


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