पहल: इस गांव में अब लोग नहीं करते शराब का सेवन, एक साल से शराबमुक्त है कांदोली गांव
- ग्रामीणों ने बनाया विजयस्तंभ
- विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर ग्रामीणों ने लिया था निर्णय
- शराब बंदी के 1 साल हुए पूरे
डिजिटल डेस्क, एटापल्ली (गड़चिरोली)। तहसील के कांदोली गांव में शराबमुक्ति हेतु ग्रामीणों द्वारा किए गए प्रयासों को सफलता मिली है। गांव में विगत 1 वर्ष से शराबबंदी कायम होने से यह गांव 1 वर्ष से शराबमुक्त रहा है। इस खुशी में ग्रामीणों ने गांव में विजयस्तंभ निर्माण कर उत्साह मनाया।
एटापल्ली तहसील के दुर्गम व पिछड़े कांदोली में अवैध शराब बिक्री शुरू थी। इसे बंउ करवाने के लिए गांव संगठन के सदस्यों ने ग्रामीणों की मदद से व्यापक प्रयास किया। इससे पूर्व गांव में घरेलू शराब का उपयोग किया जाता था। किंतु गांव को पूर्ण शराबमुक्त करने के लिए विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर ग्रामीणों की उपस्थिति में घरेलू शराब बंद करने का निर्णय लिया। इस निर्णय पर निरंतर 1 वर्ष तक अमल किया गया। जिससे एक वर्ष से गांव में शराब पर रोक लगाने में सफलता मिली है। यह शराबबंदी आगे भी कायम रहे, इसके लिए ग्रामीणों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। गांव को शराब व तंबाकू मुक्त करने के लिए गांव पेसा अध्यक्ष महारु हिचामी, गांव पेसा सचिव जानू हिचामी, पुलिस पाटील कांडेजी मडावी, सरपंच झुरु मडावी का विशेष सहयोग मिला। हाल ही में गांव संगठन सदस्यों ने पेसा निधि से गांव को शराब व तंबाकू मुक्ति का विजयस्तंभ निर्माण किया गया। इस समय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
अनेक गांवों में भी की जा रही पहल : गड़चिरोली जिले में शराबबंदी कानून लागू होकर पिछले कुछ वर्षों से जिले के दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र के गांव भी अपने गांवों को नशामुक्त करने की पहल शुरू की है। जिस कारण अब तक जिले के अनेक गांव शराबमुक्त हो गये हंै। वहीं गांवों में अवैध व्यवसाय न हो, इसलिये गांव-गांव में महिला और युवाओं की समितियों का गठन कर शराबबंदी कानून पर अमल किया जा रहा है।
गांव में खर्रे की भी दुकान नहीं : कांदोली गांव को शराबमुक्त तो बनाया गया है। गांव में शराब का उपयोग एक वर्ष से बंद है। इसी के साथ ही गांव में एक भी खर्रे की दुकान नहीं है। जिस कारण खर्रामुक्त गांव के रूप में भी कांदोली को पहचाना जाता है। जिससे ग्रामीणों के एकजुटता से ग्रामीणों ने नशे से मुक्ति पाने में सफलता प्राप्त की है।