विरोध: जान देंगे, जमीन नहीं : सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन

900 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने का है आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-27 09:53 GMT

डिजिटल डेस्क, चामोर्शी (गड़चिरोली) । गड़चिरोली जिले की खेती को बंजर बनाकर औद्योगिक विकास करने का सपना महाराष्ट्र राज्य सरकार ने देखा है। इस सपने को साकार करने के लिए सरकार ने पहल करते हुए गड़चिरोली जिले की चामोर्शी तहसील अंतर्गत अनेक गांवों की 900 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने का आदेश जारी किया है। सरकार के आदेश का विरोध करते हुए चामोर्शी तहसील के किसानों समेत ग्रामीणों ने चामोर्शी भूमि अधिग्रहण बचाव कृति समिति स्थापना कर ‘जान देंगे, जमीन नहीं; सरकार के खिलाफ करेंगे जनआंदोलन’ का ऐलान किया। चामोर्शी तहसील के अनेक गांवों के संयुक्त तत्वावधान में  25 दिसंबर को चामोर्शी भूमि अधिग्रहण बचाव कृति समिति स्थापित की गई।  समिति के स्थापित होते ही तहसील के जयरामपुर गांव में सभा का आयोजन किया गया । 

सभा के दौरान ग्रामीणों समेत किसान और भूमि अधिग्रहण बचाव कृति समिति के पदाधिकारियों ने यह ऐलान किया। सभा में मार्गदर्शक के रूप में सीपीआई, सीटू व किसान सभा के अध्यक्ष कॉ.रमेशचंद्र दहिवडे, राज्य कौन्सिल किसान सभा के अमोल मारकवार, कां.अरुण भेलके, पत्रकार चौखुंडे उपस्थित थे। प्रमुख अतिथि के रूप में जयरामपुर के सरपंच दीपाली सोयाम, तंमुस अध्यक्ष मुकुंदा पावडे, कोनसरी सरपंच श्रीकांत पावडे, उपसरपंच रतन आल्केवार, मुधोली चक 1 सरपंच डेकाटे, जयरामपुर के पुलिस पटेल विजय गौरकार, निकेश गद्देवार, गणपुर के सरपंच सुधाकर गद्देवार, दादाजी निखाड़े, सूरज कोडाप आदि किसान व ग्रामीण उपस्थित थे। सभा की सफलता के लिए हरीश निखाड़े, सतीश ताजने, प्रकाश गौरकार, वैभव रासेकर, पवन गौरकार, शालिक गेडाम, विजय पावडे, एकनाथ गेडाम, बालाजी कटी, संतोष गौरकार, गुरुदास आभारे, अतुल फरकडे, वासुदेव दिवसे, रोशनी काले, साधना गौरकार, शारदा गौरकार, कौशल्या कुसराम, चारुलता आदि ने प्रयास किया। इस समय 3 हजार किसान व ग्रामीण उपस्थित थे। 

किसानों पर थोपे जा रहे आदेश : गड़चिरोली जिले के चामोर्शी तहसील के किसानों के विरोध के बावजूद सरकार की आेर से स्टील इंडस्ट्रीज, एमअाइडीसी और कोनसरी प्लांट स्थापित करने के लिए अनेक गांवों की 900 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार किसानों की धान फसल की खेती को हड़प कर उनको भूमिहीन करने का प्रयास कर रही है। गड़चिरोली जिले में वित्तीय कमाई के अन्य कोई साधन नहीं है। किसान अगर खेत सरकार को दे देंगे, तो उनके खाने के लाले पड़ जायेंगे। इसलिए सरकार को किसानों के उदरनिर्वाह के साधन को हड़प करने का अाग्रह छोड़ देना चाहिए।

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