कार्रवाई: एसीबी ने 5 लाख की रिश्वत लेते वनपरिक्षेत्र अधिकारी को रंगेहाथ किया गिरफ्तार
- जब्त ट्रैक्टर को छुड़ाने और जुर्माने की रकम कम करने मांगी घूस
- गौण खनिज जब्त कर लगाया था 72 लाख जुर्माना
- घर की तलाशी में भी मिली रकम
डिजिटल डेस्क, अहेरी (गड़चिरोली)। गड़चिरोली जिले के दुर्गम व अतिदुर्गम क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य को लेकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने की घटनाएं उजागर हुई है। कुछ इसी तरह वनपरिक्षेत्र परिसर में सड़क निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए अवैध गौण खनिज का परिवहन करते हुए एक निजी ठेकेदार का ट्रैक्टर वनविभाग ने जब्त किया था। जब्त ट्रैक्टर को छुड़ाने और जुर्माने की रकम कम करने के लिए संबंधित ठेकेदार से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गुरुवार, 4 जनवरी को रात के दौरान अहेरी तहसील अंतर्गत पेरमिली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी को एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
रिश्वतखोर आरोपी का नाम प्रमोद आनंदराव जेनेकर (38) है। एसीबी ने दी जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ठेकेदार द्वारा पेरमिली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत तुमरगुडा-कासमपल्ली के दौरान सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इस निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए ठेकेदार की ओर से ट्रैक्टर द्वारा गौण खनिज का परिवहन किया गया था। इस यातायात को अवैध बताते हुए वनपरिक्षेत्र अधिकारी प्रमोद जेनेकर ने ट्रैक्टर को जब्त कर 72 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। लेकिन संबंधित ठेकेदार इतना बड़ा जुर्माना अदा करने के लिए तैयार न होने के कारण वनपरिक्षेत्र अधिकारी प्रमोद जेनेकर ने 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी और ट्रैक्टर छोड़कर जुर्माना कम करने की बात भी संबंधित ठेकेदार से की।
वनपरिक्षेत्र अधिकारी व ठेकेदार के बीच रिश्वत की रकम को लेकर बातचीत हुई। बातचीत के बाद जेनेकर 5 लाख रुपए की रिश्वत लेने को कबूल हुआ। लेकिन संबंधित ठेकेदार ने गड़चिरोली के एसीबी में शिकायत दर्ज की। इस शिकायत के आधार पर एसीबी के अधिकारियों ने गुरुवार रात को जाल बिछाकर वनपरिक्षेत्र अधिकारी प्रमोद जेनेकर को शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। इस समय एसीबी के अधिकारियों ने जेनेकर के घर की तलाशी लेकर 85 हजार रुपए नकद जब्त किए। कार्रवाई एसीबी के पुलिस अधीक्षक राहुल माकणीकर, अपर पुलिस अधीक्षक सचिन कदम के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक अनामिका मिर्जापुरे, पुलिस निरीक्षक श्रीधर भोसले, सहायक फौजदार सुनील पेद्दीवार, पुलिस नाईक किशोर जौंजालकर, संदीप घोरमोडे, संदीप उडाण, नरेश कस्तुरवार आदि ने की। 72 लाख रु. का जुर्माना लगाया था वनपरिक्षेत्र अधिकारी प्रमोद जेनेकर ने ट्रैक्टर को जब्त कर 72 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। लेकिन संबंधित ठेकेदार इतना बड़ा जुर्माना अदा करने तैयार न होने के कारण जेनेकर ने 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बात 5 लाख रुपए में तय हुई।