दहशत: जंगली हाथियों ने धान के बाद अब करेला और तुअर की फसलें कर दीं तबाह, उत्पात जारी
- पाथरगोटा गांव के 7-8 किसानों का नुकसान
- जंगली हाथियों का झुंड 2 वर्षों से गड़चिरोली जिले में घूम रहा
- वनविभाग की टीम ने घटनास्थल पहुंचकर नुकसान का पंचनामा किया
डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। पिछले अनेक दिनों से आरमोरी वन परिक्षेत्र के विभिन्न खेत परिसर में धान की फसलों को रौंदने के बाद अब जंगली हाथियों ने सब्जियों की फसलों पर निशाना केंद्रित किया है। मंगलवार की रात जंगली हाथियों के झुंड ने आरमोरी वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले पाथरगोटा गांव से सटे खेतों में प्रवेश करते हुए करेला, तुअर और गेहूं की फसलों को तहस-नहस कर दिया है। इस घटना में पाथरगोटा गांव के 7-8 किसानों का नुकसान होने की जानकारी मिली है।
पिछले 2 वर्षों से जारी उत्पात : प्राप्त जानकारी के अनुसार, ओड़िसा राज्य से गड़चिरोली जिले में दाखिल हुए जंगली हाथियों के झुंड ने पिछले 2 वर्षों से गड़चिरोली जिले के विभिन्न क्षेत्र में नुकसान की घटना काे अंजाम दिया है। वर्तमान में हाथियों का झुंड आरमोरी वन परिक्षेत्र के जंगल में होकर रात होते ही यह झुंड खेत परिसर पर प्रवेश करने लगा है।
हाथियों के झुंड ने पाथरगोटा गांव के खेत परिसर में प्रवेश करते हुए करेला, तुअर और गेहूं की फसलों को झुंड ने तहस-नहस कर दिया। इस घटना के कारण गांव के किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान होने की जानकारी मिली है। घटना की जानकारी मिलते ही वनविभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर नुकसान का पंचनामा किया। नुकसानग्रस्त किसानों ने सरकार से तत्काल वित्तीय मदद की मांग की है।
घरकुल को मंजूरी देने के लिए रिश्वत मांगने वाला सरपंच नामजद : चामोर्शी(गड़चिरोली). तहसील के विक्रमपुर ग्रापं के सरपंच श्रीकांत ओल्लालवार को घरकुल मंजूरी के नाम पर रिश्वत की मांग कर लेन-देन करने का व्यवहार महंगा पड़ा। इस मामले में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग गड़चिरोली की आेर से कार्रवाई के बाद अपर आयुक्त नागपुर विभाग की ओर से 1 फरवरी को जारी आदेश से श्रीकांत ओल्लालवार को विक्रमपुर ग्रापं के सरपंच व सदस्य पद से अपात्र घोषित किया गया। यह जानकारी ग्राम विक्रमपुर के उपसरपंच प्रभास सरकार व सुमित सरकार ने पत्र परिषद में दी।
पत्र परिषद में उन्होंने बताया कि, श्रीकांत ओल्लालवार ने घरकुल योजना के लाभ के लिए घरकुल सूची में नाव समाविष्ट कर मंजूरी प्राप्त करा देने का आश्वासन देते हुए नवग्राम के लाभार्थी युवक से 10 हजार रुपयों के रिश्वत की मांग की। लेकिन लाभार्थी युवक रिश्वत देने के लिए तैयार नहीं था। जिसके कारण काफी बातचीत करने के बाद 9 हजार रुपये की रिश्वत ओल्लालवार को देने के लिए लाभार्थी युवक तैयार हो गया। जिसकी शिकायत भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग को शिकायत की। शिकायत के आधार पर भष्ट्राचार प्रतिबंधक विभाग की टीम ने सरपंच श्रीकांत ओल्लालवार को रंगेहाथ 9 हजार रुपयेां के साथ 1 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया। इसीके आधार पर विक्रमपुर ग्रामपंचायत के सदस्य सुमित सरकार ने नागपुर के अपर आयुक्त को शिकायत की। शिकायत के बाद संबंधित विभाग ने 29 जनवरी 2024 को अंतिम सुनवाई के दौरान जिला परिषद गड़चिरोली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 10 नवंबर 2023 के जांच रिपोर्ट व अभिप्राय का अवलोकन कर महाराष्ट्र ग्रामपंचायत अधिनियम 1958 के धारा 39(1) के अनुसार सरपंच श्रीकांत ओल्लालवार को सरपंच व सदस्य पद से अपात्र घोषित किया। यह आदेश अपर आयुक्त नागपुर विभाग की ओर से 1 फरवरी 2024 को प्राप्त हुआ। जिसके कारण श्रीकांत ओल्लालवार को विक्रमपुर ग्रामपंचायत के सरपंच व सदस्य पद से अपात्र होना पड़ा है।