मांग: ऋषि-मुनियों के श्रृंखलाबध्द अनशन को विभिन्न संगठनों ने दिया समर्थन, तेज हो रहा आंदोलन
- पांचवे दिन भी जारी रहा संत मुरलीधर महाराज का अनशन
- किसी भी अधिकारी, नेता , मंत्री ने नहीं ली सुध
- शीघ्र मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, चामोर्शी (गड़चिरोली) । विदर्भ की काशी के रूप में परिचित मार्कंडा देवस्थान के जीर्णोद्धार का काम युद्धस्तर पर शुरू करने की मांग को लेकर गत 16 फरवरी से शुरू किया गया श्रृंखलाबद्ध अनशन सोमवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। इस बीच प्रशासन के किसी अधिकारी ने आंदोलन की सुध नहीं ली। इस आंदोलन को अब विभिन्न सामाजिक और राजनैतिक संगठनों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।
मंदिर मरम्मत का कार्य शुरू न करने पर भूख-हड़ताल शुरू करने की चेतावनी भी अब संत मुरलीधर महाराज और अन्य अनशनकर्ताओं ने दी है। जानकारी के अनुसार, भारतीय पुरातत्व विभाग ने 9 वर्ष पूर्व मंदिर जीर्णोद्धार का जिम्मा अपने कंधों पर लिया था। इस कालावधि में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मरम्मत कार्य के लिए निधि उपलब्ध करायी गयी। लेकिन अब तक जीर्णोद्धार का काम पूरा नहीं हो पाया है।
फलस्वरूप यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुुओं समेत आम लोगों को अनेक प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर जीर्णोद्धार का काम तत्काल शुरू करने की मांग काे लेकर संत मुरलीधर महाराज और सुनील महाराज शास्त्री के नेतृत्व में श्रृंखलाबद्ध अनशन शुरू किया गया है। गुरुदेव सेवा मंडल के डा. शिवनाथ कुंभारे, विजय खरवडे, नरेंद्र जक्कुलवार, मुकेश गुरनुले, मारोती उमलवार, कालीदास पाल, नामदेव किनेकार, उमेश पटले, भारत स्वाभिमान पतंजलि योग समिति के पदाधिकारियों ने इस अनशन को समर्थन घोषित किया है। इस समय भारत स्वाभिमान पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी अशोक पोरेड्डीवार, महिला योग समिति की जिला प्रभारी मंदा वरघंटे, संगठन मंत्री विलास गण्यारपवार, अनिता पोरेड्डीवार, संजय मापल्लीवार, दिनकर लाकडे, तारा उईके, कमला येनप्रेड्डीवार, ननी हलदार, नत्थू बर्लावार आदि उपस्थित थे।