नुकसान: जंगली हाथियों के झुंड ने फिर मचाया उत्पात, शंकर नगर क्षेत्र में रौंदी मक्के की फसल
- खड़ी फसल उजड़ने से बढ़ी चिंता
- किसानों का बड़ी संख्या में नुकसान
- किसानों ने वनविभाग से की नुकसान भरपाई की मांग
डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। गड़चिरोली जिले के जंगल परिसर में स्थित जंगली हाथियों के झुंड ने पिछले दो माह से आरमोरी,देसाईगंज व कुरखेड़ा तहसील के वनपरिक्षेत्र में डेरा डाला है। पिछले सप्ताह में जंगली हाथियों ने आरमोरी वनपरिक्षेत्र अंतर्गत पलसगांव उपक्षेत्र के पाथरगोटा व चिखली क्षेत्र के खेत परिसर में जमकर उत्पात मचाकर धान की फसलों को तहस - नहस किया था। सोमवार, 5 फरवरी की देर रात जंगली हाथियों के झुंड ने आरमोरी वनपरिक्षेत्र के तहत शंकरनगर (बंगाली कैम्प) क्षेत्र के खेतों में जमकर उत्पात मचाकर मक्के की फसल को रौंद दिया। जिसमें शंकरनगर परिसर के किसानों का बड़ी संख्या में नुकसान हुआ है।
शंकरनगर क्षेत्र के किसानों ने मक्का फसल की नुकसान भरपाई की मांग वनविभाग से की है। बता दें कि जंगली हाथियों का झुंड अभी आरमोरी वनपरिक्षेत्र के पलसगांव उपक्षेत्र के तहत कक्ष क्रमांक 83 के जंगल परिसर में है। जंगली हाथियों के झुंड द्वारा एक-दो दिन के अंतराल से एक-एक गांव के खेत परिसर को चुनकर किसानों की फसलों का नुकसान किया जा रहा है। वनविभाग की ओर से जंगली हाथियों पर नजर रखने के लिए टीम का गठन किया गया है। वनविभाग द्वारा नियुक्त टीम द्वारा प्रभावशाली कार्य न हाेने से हाथियों द्वारा किसानों की खेत फसलों का निरंतर नुकसान हो रहा है।
टीम द्वारा मामले को गंभीरता से न लेने से के कारण किसान की मक्के की खड़ी फसल उजड़ गई। बता दें कि फसल पर अभी बीज तैयार होने शुरू हो गऐ थे। बुट्टे भी छोटे-छोटे उभर रहे थे। लेकिन जंगली हाथियों द्वारा मक्का फसल को उजाड़ देने से परिसर के किसानों का काफी नुकसान हुआ है। वनविभाग द्वारा तत्काल पंचनामा कर तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग किसानों ने की है। ज्ञात हो कि गत माह करंट लगने से एक हाथी की मौत होने के बाद से हाथियों की झुंड लगभग 15 दिनों तक शांत था लेकिन अब फिर से हाथियों का उत्पात शुरू हो गया है। इस ओर ध्यान देकर राहत दिलाने की मांग की जा रही है।