छिंदवाड़ा: दहशत में ग्रामीण, रात में बाहर सोने से कर रहे गुरहेज, अक्सर गर्मी के दिनों में ग्रामीण परिवार आंगन में सोया करता है
- दहशत में ग्रामीण, रात में बाहर सोने से कर रहे गुरहेज
- अक्सर गर्मी के दिनों में ग्रामीण परिवार आंगन में सोया करता है
- जादूटोना को लेकर भी चर्चाएं, पुलिस दे रही समझाइश
डिजिटल डेस्क, झिरपा/चावलपानी/बम्हनी। माहुलझिर के बोदलकछार में एक परिवार के आठ लोगों की हत्या और आरोपी द्वारा आत्महत्या के बाद पूरा गांव दहशत के साएं में है। गांव के हालात यह है कि अक्सर गर्मी के दिनों में आंगन में सोने वाले ग्रामीण अब रात के वक्त घरों से बाहर नहीं आ रहे है। भले ही ग्रामीण कुछ बोल नहीं रहे है लेकिन वे इस कांड का जादूटोना से जोडक़र देख रहे है। इस अंधविश्वास से लोगों को दूर रखने और ग्रामीणों को दहशत से बाहर निकालने पुलिस गांव में जमी है। पुलिस लोगों से चर्चा कर उन्हें विश्वास में ले रही है।
गौरतलब है कि बोदल कछार गांव में लगभग डेढ़ सौ मकान है। सुईयाम परिवार के पांच मकान हैं, जिसमें से एक मकान श्रवण और दिनेश सुईयाम का है। दो दिन पहले घटित हत्याकांड से ग्रामीण दहशत में हैं, अब कोई भी झुलसाती गर्मी के बावजूद घर के बाहर नहीं सो रहा है। माहुलझिर थाना प्रभारी रविन्द्र पवार कहते हैं कि पुलिस टीम लगातार ग्रामीणों से संपर्क में है। रात में भी पुलिस गश्त कर रही है। ग्रामीणों से संवाद कर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा रहा है।
अंध विश्वास से फैली दहशत :
हत्याकांड के दो दिन पहले दिनेश को उसका बड़ा भाई और ससुर इलाज करवाने चावलपानी ले गए थे। डेढ़ साल पहले भी दिनेश की मानसिक स्थिति खराब होने पर नर्मदापुरम में किसी ओझा-परिहाड़ से झाडफ़ूंक कराई थी। चावलपानी में इलाज के बाद दिनेश को उसी ओझा के पास ले जाना तय हुआ था। पंचायत सचिव बलीराम कहते हैं कि घटना के दिन शाम 6 बजे तक श्रवण और दिनेश के परिवार के सभी सदस्यों की केवायसी कराया था। दिनेश भी सामान्य स्थिति में था।