मराठा आंदोलन: जरांगे ने कहा - आरक्षण में मेरी जान तो सरकार की जान सत्ता में फंसी है, मुझे हारने न दें
- लाडली बहन योजना पर प्रहार
- अनशन से मेरे शरीर को दर्द होता है
डिजिटल डेस्क, बीड। मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में रविवार को परली वैजनाथ में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक से मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला बोला है। साथ ही उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर भी निशाना साधा है, जरांगे ने कहा कि हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है, हम आरक्षण की लड़ाई जीतना चाहते हैं। इसलिए इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है। मराठों को आरक्षण मिलना चाहिए। मराठों का एक भी घर आरक्षण से वंचित नहीं रहना चाहिए। जरांगे ने कहा हमारी लड़ाई को अंतिम चरण पर पहुंचा दिया गया है। सरकार के पास अब कोई विकल्प नहीं है। मेरी जान आरक्षण में है और सरकार की जान सत्ता में है।
देवेन्द्र फड़णवीस ने जाल बिछाया है
जरांगे पाटिल ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ''हम नहीं चाहते कि आरक्षण नहीं मिलने पर सरकार को सत्ता मिले।' देवेन्द्र फड़णवीस ने जाल बिछाया है, हर चार दिन में एक नया बैल आता है। मैं फड़णवीस से सिर्फ इतना कहता हूं कि मराठों की आवाज उठाना छोड़ दें, नहीं तो बीजेपी राज्य में नहीं रहेगी.''
लाडली बहन योजना पर प्रहार
जरांगे पाटिल ने लाडली बहन योजना को लेकर सरकार पर हमला बोला है।उन्होंने कहा, “आप अस्थायी योजनाएं कैसे बनाते हैं? इसके बजाय किसानों को कर्ज से राहत दें, किसान आत्महत्या नहीं करेंगे। उन्हें 24 घंटे रोशनी दीजिए, उन्हें जो चाहिए वह सरकार नहीं देती। लाडली बहनों को 1500 रुपये देने के बजाय जीवन भर सुविधाएं दें।
अनशन से मेरे शरीर को दर्द होता है
जरांगे पाटिल ने खुद की भूख हड़ताल पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, ''भूख हड़ताल से मेरे शरीर पर असर पड़ा है। मैं अभी भी लड़ रहा हूं। अपने मराठा के लिए लड़ते हुए, मुझे हारने न दें। समय आने पर मैं किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हूं।इस बीच कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा। मराठा आरक्षण की दरार अब भी नहीं सुलझी है।तो क्या चुनाव से पहले राज्य सरकार कोई फैसला ले रही है, ये देखना अहम होगा।