भांडाफोड़: 90 करोड़ के महादेव ऐप का बीड कनेक्शन, एक गिरफ्तार, 150 एटीएम कार्ड, 100 चेकबुक जब्त
- नेट बैंकिंग का हो रहा था उपयोग
- 90 करोड़ के महादेव ऐप का निकला बीड कनेक्शन
- पुलिस की छापामार कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, बीड़, सुनील चौरे। देशभर में सुर्खियां बटोर रहे महादेव ऐप मामले का अब मटका सट्टा कनेक्शन सामने आ गया है। ऐप को लेकर रविवार सुबह साइबर पुलिस ने सट्टेबाजी की दुकान पर छापा मारा। इस दौरान एक को हिरासत में लिया गया। उसके पास से विभिन्न बैंकों के 150 एटीएम कार्ड, 67 बैंक पासबुक, 100 चेकबुक और 25 सिम कार्ड बरामद किए गए। मामले में पांच और लोग शामिल हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। महादेव ऐप मामले में साइबर पुलिस को जानकारी मिली थी कि शहर से सट्टेबाजी का गोरखधंधा जोरों पर जारी रही है। पुलिस निरीक्षक देवीदास घाट ने उपनिरीक्षक शैलेश जोगदंड और पुलिसकर्मी विजय घोडके, अजय जाधव, प्रदीप वैभवट के साथ जाल बिछाया और जालना रोड के एक अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल के फ्लैट पर छापा मारा। तभी रूपेश गंगाधर साखरे नाम के व्यक्ति को ऑनलाइन सट्टा चलाते धरा गया। गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश कर दो दिन की हिरासत में भेजा गया है।
नेट बैंकिंग का उपयोग
पुलिस ने बताया की रूपेश साखरे एक खाते से दूसरे खाते में पैसा ट्रांसफर ऑनलाइन करता था। सट्टेबाज ग्राहकों से फोन पे, गूगल पे, नेट बैंकिंग के जरिए पैसे लेता था और इस पैसे को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करता था। उसके पास से 150 एटीएम, 67 पासबुक, 100 चेकबुक, 25 सिम कार्ड मिले हैं।
बैंक खाताधारकों को 1 से 12 हजार तक धनराशि वितरण
सट्टेबाजी के कारोबार में बैंक खातों का उपयोग मुख्य रूप से पैसे प्राप्त करने और भुगतान करने के लिए किया जाता है। इसके लिए अलग-अलग जगहों के बैंक खाताधारकों को वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक खाते का उपयोग करने के नाम पर मुआवजे के तौर पर 1 से 12 हजार रुपए तक रकम बांटी गई। सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने संबंधित बैंक खाते की चेक बुक और एटीएम कार्ड एकत्र कर लिया और दूसरे मोबाइल नंबर को ऑनलाइन बैंकिंग से जोड़कर उसका दुरुपयोग किया।
विदेशी ऐप्स में हिस्सेदारी 65 प्रतिशत है
पुणे ग्रामीण पुलिस ने पुणे-नासिक राजमार्ग पर नारायणगांव में महादेव बुक ऐप और लैटस 365 ऑनलाइन गेमिंग सेंटर पर छापा मार कार्रवाई को अंजाम दिया था, 102 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 100 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में मुख्य आरोपी ने 450 से अधिक बैंक खातों का उपयोग करके ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन किया था। अब तक 163 बैंक खातों का पता लगाया गया है, जांच में पता चला है कि एआरपी ने महज चार महीने में 90 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन किया है। सट्टेबाजी से अर्जित धन का 65 प्रतिशत हिस्सा विदेशियों को दिया जाता था।
महादेव बुक, लोटस 3650 ऐप में विभिन्न खेलों पर सट्टा
महादेव बुक और लोटस 3650 ऐप पर विभिन्न खेलों पर सट्टा लगाया जाता था। विजेताओं और हारने वालों के बीच पैसे के आदान-प्रदान के लिए जगह-जगह एक अलग प्रणाली का उपयोग किया जाता था। कुछ महीने पहले पुणे में रोजाना करीब 50 लाख रुपए का दांव लगाया जा रहा था। साथ ही अलग-अलग खातों से पैसे बदलने के लिए अलग-अलग कर्मचारी नियुक्त किए गए थे। पुलिस को पता चला कि यहां से बड़ी मात्रा में वित्तीय लेन-देन हो रहा था। पुलिस ने कहा कि रितिक कोठारी और राज बोकारिया नामक शख्स सट्टेबाजी के मुख्य सूत्रधार थे और नारायणगांव से 100 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था।