किसान आंदोलन 2.0: केंद्र सरकार की शांति की अपील के बीच SKM की बड़ी घोषणा, 23 फरवरी को 'आक्रोश दिवस' मनाएंगे किसान

  • पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन है जारी
  • किसानों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार हुई राजी
  • जल्द शुरू होगी बैठक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-22 10:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों से केंद्र सरकार बातचीत के लिए राजी हो गई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक जल्द हो सकती है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सभी प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बैठक शुरू होने तक किसान शांति बनाए रखें। इस बीच किसानों का नेतृत्व कर रही संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक समाप्त हो गई है। किसान दल की इस बैठक में चर्चा के दौरान चार बड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई। पहला, किसानों ने केंंद्र सरकार से आंदोलन में मृतक के मौत की कार्रवाई और उसके परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवाजा के तौर पर देने की मांग रखी है। दूसरा, किसान 23 फरवरी को आक्रोश दिवस मानएंगे। तीसरा, 26 फरवरी को किसान ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे और चौथा, दिल्ली में 14 मार्च को एसकेएम महापंचायत का आह्वान करेगी। 

किसान आंदोलन में अब तक क्या हुआ

सरकार और किसानों के बीच मांगो को लेकर चल रही तनातनी के बीच बीते दिन यानी बुधवार की रात को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला सुनाया था। दरअसल, किसानों की मांगों में से गन्ना खरीद मूल्य दर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। सरकार ने गन्ने के एफआरपी में 25 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ौतरी की थी। जो 315 से बढ़कर 340 रुपये क्विंटल हो गया था। इस बीच हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदलोन के आस पास के सात जिलों में इंटरनेट पर 23 फरवरी तक रोक भी लगाई गई थी। हरियाण के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट और बल्क मैसेजिंग पर प्रतिबंध लगाया गया था। वहीं, आंदोलन के चलते एक यवा किसान नेता की मौत भी हुई थी। इस पर किसानों ने आरोप लगाया था कि उसकी मौत पुलिस कार्यवाही की वजह से हुई थी। 

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