तालिबान की नई चाल, भारत से जुड़ी तापी गैस पाइपलाइन पर नियंत्रण करना चाहता है हक्कानी गुट
- संयुक्त रिपोर्ट में खुलासा
- हक्कानी गुट करना चाहता है कब्जा
- तालिबान सरकार में आतंरिक मंत्री है सिराजुद्दीन हक्कानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में शामिल आतंरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी कई आर्थिक परियोजनाओं को अपने कब्जे में लेना चाहता है। इसका खुलासा संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में किया गिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि हक्कानी मुख्य रूप से तुर्कमेनिस्तान - अफगानिस्तान - पाकिस्तान - भारत (TAPI) गैस पाइपलाइन के अफगान खंड के निर्माण पर कंट्रोल करने की फिराक में है। इसके लिए वह तेजी से की मांग कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वास्तविक राज्य तंत्र और प्रांतीय प्रशासन में पदों के वितरण को लेकर तालिबान अधिकारियों के बीच कलह चल रही है।
आपको बता दें 1,814 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन तुर्कमेनिस्तान से निकलती है और भारत पहुंचने के लिए अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होकर गुजरती है। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत ने पाइपलाइन के विकास के लिए दिसंबर 2010 में एक अंतर सरकारी समझौते (IGA) और गैस पाइपलाइन फ्रेमवर्क समझौते (GPFA) पर हस्ताक्षर किए थे। निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ, लेकिन अफगानिस्तान में बदली सरकार की अस्थिरता के चलते बहुत कम प्रोसेस हुई।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की साल 1988 की तालिबान प्रतिबंध समिति की विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम की चौदहवीं रिपोर्ट में बताया गया है कि तालिबान सरकार के कार्यवाहक डिप्टी प्राइम मिनिस्टर मुल्ला बरादर और कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के बीच कई मामलों को लेकर तनातनी चल रही है। रिपोर्ट की माने तो ये तनातनी सरकार में पदों के लिए है, जिससे वित्तीय, प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही चैनल पर भी नियंत्रण किया जा सके।
वर्किंग डिप्टी पीएम बरादर दक्षिणी प्रांतीय प्रशासन का समर्थन करता है। वह लगातार तालिबान के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने, विदेशों में अफगान संपत्ति को मुक्त करने और विदेशी सहायता का विस्तार करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने की मांग कर रहा है।
Created On :   11 Jun 2023 8:09 AM GMT