पुतिन के दोस्त' की बगावत से बड़े संकट में फंसा रूस, यूक्रेन को होगा कितना फायदा?

पुतिन के दोस्त की बगावत से बड़े संकट में फंसा रूस, यूक्रेन को होगा कितना फायदा?
  • प्रिगोझिन को माना जा रहा था पुतिन का उत्तराधिकारी
  • बगावत के बाद प्रिगोझिन का भविष्य?
  • रूस -यूक्रेन पर पड़ेगा असर?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस में गृह युद्ध जैसे हालात बनने लगे है, यूक्रेन युद्ध में रूस को सफलता दिलाने वाले वैगनर समूह के बगावत के स्वर बोलने लगे है। वैगनर ग्रुप चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के विरोधी स्वर उठने लगे है, वैगनर चीफ के बगावत के ऐलान के बाद रूस में रूसी सेना और वैगनर ग्रुप के लड़ाकों में लड़ाईयां शुरू हो गई है। वैगनर ग्रुप के लड़ाके रोस्तोव शहर में दाखिल हो गए हैं। रूस के सैन्य मुख्यालय रोस्तोव ऑन डॉन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बख्तरबंद गाड़ियां और हथियारबंद सैनिक मुख्यालय के बाहर तैनात कर दिए गए हैं।

खबरों के मुताबिक येवगेनी प्रिगोझिन ने रूस के रक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए रूसी सेना के मुख्यालय पर हमले का ऐलान किया है। अब रूसी सेना के मुख्यालय की सुक्षा कड़ी कर दी है। मॉस्को के मेयर ने बताया कि वैगनर ग्रुप की बगावत के बाद राजधानी मॉस्को में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है। रूस के पावलोवस्क जिले में रूसी सेना और वैगनर ग्रुप के लड़ाकों के बीच झड़प होने की भी खबर मिली है, येवगेनी प्रिगोझिन ने एक धमकी भरे ऑडियो मैसेज के जरिए कहा है कि उसके 25 हजार मजबूत लड़ाके रूस के लोगों के लिए मरने के लिए तैयार हैं। रूस के रोस्तोव शहर में वैगनर ग्रुप के लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। रोस्तोव शहर की सड़कों पर टैंक और हथियारबंद सैनिक दिखाई दे रहे हैं। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक जांच के आदेश

62 वर्षीय येवगेनी प्रिगोझिन की ओर से रूस सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों का कोई आधार नहीं हैं, ना ही उन्होंने आरोपों के संबंध में कोई सबूत साझा किए है। हालांकि वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की धमकी के बाद रूस ने प्रतिक्रिया देते हुए प्रिगोझिन को तुरंत गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ आपराधिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एक समय में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे खास रहा येवगेनी प्रिगोझिन अब रूस को आंखें दिखा रहा है।

आपको बता दें 1961 में लेनिनग्राड (सेंट पीट्सबर्ग) में जन्में येवगेनी प्रिगोझिन को 1981 में कई आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि उसे 9 साल की सजा के बाद रिहा कर दिया था, तब वह युवावस्था में था। जेल से बाहर निकलने के बाद येवगेनी ने हॉट डॉग का स्टॉल लगाकर एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया। इसके बाद येवगेनी ने एक रेस्टोरेंट खोला। जल्द ही येवगेनी और उसके रेस्तरां की लोकप्रियता काफी बढ़ गई, जिसके कायर रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी हो गए। पुतिन यहां खाना खिलाने के लिए अपने साथ विदेशी मेहमानों को भी लाए। इसके बाद धीरे धीरे येवगेनी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन काफी करीब आ गए। पुतिन की करीबी का फायदा उठाकर येवगेनी प्रिगोझिन ने कैटरिंग का बिजनेस शुरू किया और वह रूसी सेना और स्कूली बच्चों को खाना खिलाने के सरकारी ठेके लेने लगा। इसी के चलते येवगेनी की पहचान पुतिन के रसोइए के रूप में हो गई। कैटरिंग के बिजनेस से येवगेनी प्रिगोझिन ने खूब पैसा कमाया।

रसोइया का काम काम करते करते प्रिगोझिन ने रूसी सेना के समर्थन से अपनी निजी आर्मी खड़ी की। जिसे वैगनर ग्रुप का नाम दिया गया। इस प्राइवेट आर्मी में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और जवानों को शामिल किया गया। रूस यूक्रेन युध्द में वैगनर ग्रुप के लड़ाकों ने अग्रिम भूमिका निभाई। वैगनर ग्रुप के बढ़ते दबदबे के चलते ही येवगेनी प्रिगोझिन का भी रूस के शीर्ष नेतृत्व में दबदबा और बढ़ा , जिसके चलते प्रिगोझिन को पुतिन के अगले उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जाने लगा। इसकी बगावत के बाद से रूस पर संकट के बादल मंडराने लगे है, जिसका फायदा रूस यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को हो सकता है।

प्रिगोझिन की बगावत और आरोपों की सच्चाई

अब सबसे बड़ा सवाल ये सामने आ रहा है कि आखिरकार वैगनर समूह ने अपने ही देश के साथ बगावत क्यों कर दी? और गृहयुद्ध जैसे हालात बना दिए, तो इसके पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभा रहे वैगनर समूह ने जब रूसी रक्षा मंत्रालय से अपने साथी सैनिकों के लिए हथियार मांगे , तब रूसी सरकार ने उन्हें उपलब्ध नहीं कराए थे। हालांकि इन दावों में कितनी सच्चाई है, इसका जवाब भविष्य के गर्त में छिपा है। रूस की रक्षा क्षमता पर सवाल उठाते हुए वैगनर ग्रुप के चीफ प्रिगोझिन ने हथियार मुहैया न का आरोप लगाते हुए बगावत करना शुरु कर दिया। अब प्रिगोझिन आरोप लगा रहे है कि रूसी रक्षा मंत्री के आदेश पर उनके सैनिकों के काफिले पर युद्धक विमानों से हमले किए गए। साथ ही वैगनर ग्रुप के कैंपों को भी रॉकेट से निशाना बनाया गया। प्रिगोझिन कारूस पर आरोप लगा रहे है कि इन हमलों में उसके कई सैनिक मारे गए हैं। रक्षा मंत्री वैगनर ग्रुप को तबाह करना चाहते हैं। प्रिगोझिन अब रूसी सैनिकों के निशाने पर आ गए है। वैगनर ग्रुप की बगावत को लेकर रूस के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रूस में गृह युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं। वहीं कुछ का मानना है कि बगावत से प्रिगोझिन का भविष्य तबाह हो सकता है।

Created On :   24 Jun 2023 1:50 PM IST

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