न्यू पॉलिसी: क्या है बायो ई3 पॉलिसी? क्या है इसका मिशन जिससे विकसित भारत में मिलेगी मदद, साइंस मिनिस्ट्री और टेक्नोलॉजी ने निकाली नई पॉलिसी

क्या है बायो ई3 पॉलिसी? क्या है इसका मिशन जिससे विकसित भारत में मिलेगी मदद, साइंस मिनिस्ट्री और टेक्नोलॉजी ने निकाली नई पॉलिसी
  • क्या है बायो ई3?
  • क्या होगा फायदा?
  • अंतरिक्ष और बायो अर्थव्यवस्था में मिली सफलता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में नई बायोइकोनॉमी पॉलिसी को औपचारिक रूप से जारी किया है। जिसके चलते भारत को अगली औद्योगिक क्रांति का वैश्विक पथप्रदर्शक बताया है। उन्होंने कहा है,"बायो ई3 पॉलिसी (BioE3 policy) जैव अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही विकसित भारत 2047 के लिए भी एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम होगी।"

कब दी मंजूरी?

बायो ई3 पॉलिसी को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंजूरी दी गई है। जिसका उद्देश्य है कि भारत सरकार की राष्ट्रीय पहलों जैसे कि 'नेट जीरो' कार्बन अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मिशन लाइफ 'पर्यावरण के लिए जीवन शैली' को और मजबूत करने में मदद करेगी।

क्या होगा फायदा?

रिलीज समारोह को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायो ई3 पॉलिसी का खाद्द, एनर्जी और हैल्थ जैसे अलग-अलग क्षेत्रों पर आवश्यक प्रभाव पड़ेगा। बायो बेस्ड केमिकल और एंजाइम, कार्यात्मक खाद्द पदार्थ और स्मार्ट प्रोटीन, सटीक जैव चिकित्सा तथा कार्बन कैप्चर। बता दें कि इसका इस्तेमाल इस नीति के मुताबिक जितेंद्र सिंह की तरफ से बताया गया है। हालांकि ये 6 में से केवल चार ही विषय हैं।

जितेंद्र सिंह के मुताबिक, बायो-मैनुफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री भारत की फ्यूचर बायोइकोनॉमी को गति प्रदान करेगा और 'ग्रीन ग्रोथ' को बढ़ावा देगा। साथ ही उन्होंने स्पष्ट रूप से ये भी कहा है कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रणनीतिक बदलाव के बाद, बायो प्रौद्योगिकी रिसर्च और बायो स्टार्ट को प्राथमिकता दी गई है और वे केंद्रीय भूमिका में आ गए हैं।"

साथ ही उन्होंने कहा, "यह बायो टेक्नोलॉजी के लिए सबसे अच्छा समय है, जो भारत में इसकी प्रगति को उजागर करता है।" उन्होंने भारत के रिसोर्सेज पर जोर देते हुए कहा, "भारत के पास बायो रिसोर्सेज का एक विशाल भंडार है, एक असंतृप्त संसाधन जिसका दोहन किया जाना बाकी है। और बायो टेक्नोलॉजी में विशेष रूप से हिमालय में विशाल बायो विविधता और अद्वितीय जैव संसाधनों की वजह से लाभ है। फिर 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा है और पिछले साल हमने डीप से मिशन शुरू किया था जो समुद्र के नीचे जैव विविधता को खोजने जा रहा है।"

अंतरिक्ष और बायो अर्थव्यवस्था में मिली सफलता

अंतरिक्ष और बायो अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में सफलता प्राप्त हुई थी। जिसका जिक्र करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीपीपी मॉडल बायोई3 पॉलिसी का परिपालन करना एक अभिन्न अंग होगा। जिसके चलते रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही ये पॉलिसी जलवायु के साथ-साथ लचीली कृषि और भविष्य के समुद्री और अंतरिक्ष रिसर्च के लिए भी पहल करेगी।

मीडिया से बातचीत के लिए कौन-कौन उपस्थित था?

रिलीज सेरेमनी और मीडिया से बातचीत के लिए बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के सचिव डॉ. राजेश गोखले और नीति आयोग के मेंबर डॉ. वी.के. सारस्वत उपस्थित थे।

Created On :   2 Sept 2024 12:38 PM GMT

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