माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में जल्द होगा हाई स्पीड इंटरनेट

Mount Everest base camp will soon have high speed internet
माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में जल्द होगा हाई स्पीड इंटरनेट
नेपाल माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में जल्द होगा हाई स्पीड इंटरनेट

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। नेपाल की निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी, एनसेल माउंट एवरेस्ट पर 5,200 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे सेल फोन टावर का निर्माण कर रही है, जो समर्पित अल्ट्रा फास्ट 4जी कनेक्टिविटी देगा। ये जानकारी काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट से सामने आई है।

एवरेस्ट क्षेत्र में सालाना लगभग 60,000 ट्रेकर्स और पर्वतारोही आते हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के आकर्षण के कारण नेपाल के पर्यटन उद्योग का एक उच्च राजस्व उत्पन्न करने वाला हिस्सा है।

कंपनी एवरेस्ट क्षेत्र में कम से कम 5 स्थानों पर बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित करेगी, जो पर्वतीय समुदायों की सेवा के लिए समुद्र तल से 3,830 से 5,204 मीटर की ऊंचाई तक होगी।

एनसेल ने अखबार को बताया, अगर हमारी योजना के अनुसार चीजें होती हैं, तो हम इस साल की चौथी तिमाही तक अपने 4जी को इस क्षेत्र में लाइव कर देंगे।

न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र में हाई-स्पीड मोबाइल ब्रॉडबैंड तक पहुंच पर्यटन सहित कई क्षेत्रों का समर्थन करेगी। 4जी एक्सेस के साथ, एवरेस्ट क्षेत्र के दूरदराज के क्षेत्रों के लोग उन अवसरों का फायदा उठा सकते हैं जो हाई-स्पीड मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़ा है। पर्यटक इस क्षेत्र की यात्रा और अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहने का अहसास साझा कर सकते हैं।

न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, एक बार विश्वसनीय कनेक्टिविटी होने के बाद यह यूजर्स के लिए नए अनुभव बनाने में योगदान देगा और पर्यटन क्षेत्र में मूल्यों को जोड़ेगा।

एनसेल के मुताबिक, शुरूआती रिपोर्ट से पता चला है कि एवरेस्ट की चोटी पर 8,848.86 मीटर पर 4जी सिग्नल मिल सकता है। इसके सटीक परिणाम परीक्षण के सफल होने के बाद ही पता चलेगा।

एवरेस्ट बेस कैंप में पहले से ही 4जी सेवा है लेकिन कोई समर्पित बुनियादी ढांचा नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, बेहतर इंटरनेट सेवा से आपदा जोखिम प्रबंधन और कम से कम करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि सागरमाथा या एवरेस्ट क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से दूरस्थ क्षेत्र में स्थित है।

गाइड और आपूर्ति के मामले में आवश्यक समर्थन की सीमा के आधार पर एवरेस्ट पर्वतारोहियों को प्रति व्यक्ति 35,000 डॉलर से 90,000 डॉलर खर्च करने की जरूरत होती है। इस राशि में 11,000 डॉलर के चढ़ाई परमिट की लागत शामिल है।

नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आंग शेरिंग शेरपा ने कहा, पुराने दिनों में पर्वतारोही और ट्रेकर्स सैटेलाइट फोन ले जाते थे, जो महंगे और जरूरी परमिट होते थे। यह एक बड़ी परेशानी थी।

4जी सेवा के साथ शिखर तक संचार बढ़ाया जाएगा। इस योजना से केवल विदेशी रोमांच चाहने वाले ही लाभान्वित नहीं होंगे। यह दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में स्थानीय लोगों पर विशेष रूप से खोज और बचाव प्रयासों में सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगा।

शेरपा ने कहा, वास्तव में, यह स्वागत योग्य सूचना है।

(आईएएनएस)

Created On :   23 March 2022 4:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story