मुंह की बीमारी के प्रति सतर्कता जरूरी

Vigilance is necessary against oral disease
मुंह की बीमारी के प्रति सतर्कता जरूरी
नागपुर मुंह की बीमारी के प्रति सतर्कता जरूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुंह में होेने वाली विविध बीमारियांे को लेकर जागरूकता करना जरूरी है। वैसे ही मुख कैंसर के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए। मुंह की कोई भी बीमारी हो तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए। उनकी सलाहनुसार जांच व उपचार करवाना चाहिए। ताकि बीमारी को नियंत्रित कर उसे खत्म किया जा सके। ऐसा शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (डेंटल) में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा। सोमवार को मुख रोग निदान, औषधोपचार व क्ष किरण शास्त्र विभाग द्वारा दिन विशेष पर विविध बीमारियां व मुख कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। अधिष्ठाता डॉ. अभय दातारकर व विभाग प्रमुख डॉ. अशिता कलसकर के मार्गदर्शन में कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में श्री आयुर्वेद महाविद्यालय की बालरोग विभाग प्रमुख डॉ. रचना रामटेके, चिकित्सा शिक्षा विभाग की अधिकारी डॉ. वसुंधरा भड, प्रशासकीय अधिकारी डॉ. मंगेश फडनाइक सहित सभी विभाग प्रमुख, अधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश
विभाग प्रमुख डॉ. कलसकर ने मुख की विविध बीमारियों व उपचार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया के मुख रोग निदान, औषधोपचार व क्ष किरण शास्त्र विषय से उपचार ही नहीं बल्कि पैथालॉजी के रेडियोलॉजिकल उपचार के लिए भी मदद मिलती है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय व अंतरजिला स्तर पर विविध स्पर्धाओं का आयोजन किया गया। स्पर्धाओं के विषय में रंगोली, निबंध, कैंसर जांच शिविर आदि का समावेश था। स्पर्धाओं के विजेताओं में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सारंग इंदूरकर, श्री आयुर्वेद महाविद्यालय की आकांक्षा रामटेके सहित सनराइज हाईस्कूल, मानवता हाईस्कूल, सेंट्रल प्रोविंशियल स्कूल के विद्यार्थी शामिल थे। अधिष्ठाता डॉ. दातारकर ने मुख रोग, लक्षण व उपचार के बारे में जानकारी देते हुए सभी को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिए मार्गदर्शन किया। डॉ. रचना रामटेके ने वर्तमान जीवनशैली व अनियंत्रित खानपान के कारण होनेवाले परिणाम की जानकारी दी। उन्होंने स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या, खानपान आदि के बारे में बदलाव के बारे में बताया। संचालन डॉ. सृष्ट स्नेह ने व आभार डॉ. अमित पराते ने माना। कार्यक्रम की सफलता के लिए  डॉ. शैलेश गोंदिवकर, डॉ. पवन मोटघरे, डॉ. श्वेता गंगोत्री, डॉ. रानू इंगोले, डॉ. प्रकाश बादिवार, डॉ. आयुष दहिवडे, डॉ. श्रुती सरयाम, ऋषभ भोजनकर आदि ने सहयोग किया।

 

Created On :   26 April 2023 12:44 PM IST

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