धुव्र चरित्र व रूकमणी विवाह प्रसंग सुनकर झूमे श्रोतागण
डिजिटल डेस्क शाहनगर नि.प्र.। शाहनगर के सिमरी एवं बरतला ग्राम में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराया गया। जहां सिमरी गांव में दूसरे दिन कथा व्यास ने धुव्र चरित्र का सुन्दर वर्णन किया। वहीं बरतला में आयोजित कथा में भगवान श्री कृष्ण एवं रूकमणी विवाह में श्रोता जमकर झूमें। सिमरी गांव में कथा व्यास अशोक चौबे ने धुव्र चरित्र पर बताया की कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा कि ये अशक्ति ही सुख-दुख का कारण है। यदि संसार में ये अशक्ति है तो दुख का कारण बन जाती है। यही अशक्ति भगवान और उनमें भक्ति में हो जाए तो मोक्ष का द्वार खुल जाता है। वहीं बरतला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन आसमानी माता स्थान परिसर पर कटनी जिले के खिरवा से पधारे कथा व्यास जगदेव बङगैंया ने वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान श्रीकृष्ण का माता रूकमणी के साथ सुन्दर विवाह कराया। जहां यजमान मुख्य श्रोता विजय मिश्रा, विजय शंकर मिश्रा, विभा देवी मिश्रा एवं जितेन्द्र मिश्रा सहित श्रोताओं ने मंगल गायन कर पैर पखारे जहां भगवान कृष्ण अपर्णा मिश्रा एवं रुकमणि काजल मिश्रा बनी थीं। कथा मेंं श्री कृष्ण और रूकमणी के विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि जिस घर में नारी का सम्मान किया जाता है वहां देवता निवास करते हैं। गृहस्थ आश्रम तपोवन है जिसमें सुख और दुखों के साथ ही प्रभु के नाम का स्मरण हो तो गृहस्थ आश्रम स्वर्ग बन जाता है।
Created On :   9 Feb 2023 3:54 PM IST