बिना अनुदानित समाज कार्य कॉलेज खुलेंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाज कार्य महाविद्यालय खोलने के लिए अड़चनें दूर की जा रही हैं। राज्य में विविध विश्वविद्यालय अंतर्गत कायम स्वरूप बिना अनुदानित समाजकार्य कॉलेज शुरू किए जाएंगे। इस संबंध में आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सभी महाविद्यालयों का नियंत्रण समाज कार्य विभाग के अंतर्गत रहेगा। नए खुलने वाले महाविद्यालयों के लिए नियम, शर्तों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। राज्य में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत 57 महाविद्यालय हैं। इनमें से एक बंद है और 6 बिना अनुदानित तत्व पर कार्यरत हंै। राज्य में 50 समाजकार्य महाविद्यालय अनुदानित तत्व पर कार्यरत हैं।
12 महाविद्यालयों को अनुमति
राज्य सरकार ने वर्ष 2001 व 2004 में समाजकार्य स्नातक व स्नोतकोत्तर पाठ्यक्रम को अनुदान या बिना अनुदान तत्व पर देने का निर्णय लिया था। 2015 में डॉ. नरेंद्र जाधव समिति की रिपोर्ट के अनुसार निर्णय लिया गया। कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय नागपुर व उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जलगांव ने नए समाजकार्य महाविद्यालय की स्थापना के लिए उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ के समक्ष याचिक दाखिल की थी। खंडपीठ के आदेश के अनुसार मंत्रिमंडल के 2019 के निर्णय के अनुसार दो संस्थाओं को कायम स्वरूप बिना अनुदानित तत्व पर महाविद्यालय शुरू करने की मान्यता दी। उसी तरह नए समाजकार्य महाविद्यालय को मंजूरी देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन था। उसके अनुसार 12 महाविद्यालयों को अनुमति दी गई है।
Created On :   14 March 2023 2:33 PM IST