छात्र ने किताब में दिखाया ‘कोलाज’ तो भावुक हुए सचिन
चुन्नीलाल कुडवे , चिमूर। भारतरत्न सचिन तेंदुलकर ने ताड़ाेबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में जंगल सफारी के दौरान अलीझंझा गांव के जिप प्राथमिक स्कूल में अचानक पहुंचकर बच्चों से रू-ब-रू हुए। दौरान शाला के चौथी कक्षा के छात्रों ने मराठी किताब में उनका "कोलाज' नाम का पाठ (बायोग्राफी) सचिन को पढ़कर दिखाया। यह देखकर सचिन भावुक हुए।
दौरान सचिन ने सभी बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाई। गौरतलब है कि, ताडोबा अंधारी बाघ प्रकल्प से सटा अलीझंझा गांव है। जहां लगभग 200 से 300 लोग रहते है। अलीझंझा सफारी गेट के मार्ग पर ही कक्षा पहली से चौथी तक की जिला परिषद प्राथमिक स्कूल है। इसी मार्ग से सफारी के लिए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी व मित्र के साथ सोमवार को जा रहे थे। ऐसे में स्कूल के मुख्याध्यापक रमेश बदके ने उन्हें आवाज दी। जिसके बाद सफारी का वाहन स्कूल के पास रूक गया। स्कूल के सभी छात्र सचिन के पास आए। छात्रों ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान चौथी कक्षा के छात्रों ने किताब में उनका कोलाज नाम का पाठ (बायोग्राफी) सचिन को दिखाई।
सचिन को छात्र-छात्राओं ने बताया अपना सपना
इस समय सचिन ने छात्रों से प्रत्यक्ष संवाद कर कुछ प्रश्न पूछे तो छात्रा सृष्टि रघुनाथ मेश्राम ने डाक्टर तथा जानवी सुभाष नागोसे व नैतिक अशोक धारणे ने इंजीनियर बनने की बात कहीं। इंजीनियर व डॉक्टर बनने के बाद क्या करेंगे? ऐसा पूछने पर छात्रों ने समाज व मरीजों सेवा करने की बात बताई। दौरान मुख्याध्यापक रमेश बदके, शिक्षिका मनीषा बावणकर, सुमित्रा ननावरे, वैशाली नागोसे ने स्कूल के उन्नति के बारे में पुछताछ कर सचिन अलीझंझा गेट से सफारी के लिए निकल गए।
विद्यार्थियों का आनंद हुआ दुगना
सचिन तेंदुलकर ताड़ोबा में आने की जानकारी मिली। वे अलिझंझा गेट से सफारी करनेवाले थे। जिससे प्रत्यक्ष विद्यार्थियों को भारतरत्न सचिन तेंदुलकर को देख सके व कक्षा चौथी में पढ़ाया जानेवाला उन पर आधारीत कोलाज नामक पाठ है, उस पर संवाद होगा, इसलिए उन्हें आवाज देकर आने का अनुरोध किया। सचिन तेंदुलकर शाला के गेट पर रूके। दौरान विद्यार्थियों के साथ संवाद साधा, इससे बच्चों का आनंद दुगना हुआा।
रमेश बदके, मुख्याध्यापक ,जि. प. प्राथमिक शाला अलिझंझा
तीन दिन के लिए आए थे सचिन
सचिन व उनकी पत्नी अंजलि, मित्र परिवार के साथ शनिवार से एक निजी रिसोर्ट में विगत तीन दिनों से थे। रविवार को उन्होंने मदनापुर गेट से सफारी की। उन्हें तारा नामक बाघिन व उसके शावकों के दर्शन हुए। दोपहर को कोलारा गेट से दर्शन करने पर ब्लैक लेपर्ड, माया रोमा बाघिन के दर्शन हुए। सोमवार को अलिझंझा गेट से सुबह सफारी गए थे। भानुसखिंडी में बाघिन व दोपहर की सफरी में बबली व उसके तीन शावक, छोटा मटका नामक बाघ दिखा। मंगलवार को लौटने की जानकारी मिलीं।
Created On :   22 Feb 2023 11:05 AM IST