टीकाकरण के बाद 3 शिशुओं की मौत पर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी गई

Report submitted to Chief Minister on death of 3 babies after vaccination
टीकाकरण के बाद 3 शिशुओं की मौत पर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी गई
कर्नाटक टीकाकरण के बाद 3 शिशुओं की मौत पर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी गई
हाईलाइट
  • मुआवजे के लिए संयुक्त सचिव से सिफारिश करेंगे।

डिजिटल डेस्क, बेलगावी। बेलगावी के जिला आयुक्त एम.जी. हिरेमथ ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जिले में खसरा-रूबेला के टीके लगने से तीन बच्चों की मौत के मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

उन्होंने कहा, जिन परिवारों ने बच्चों को खोया है, उन्हें मुआवजा देने पर चर्चा हो रही है।उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बेलगावी टीकाकरण निगरानी अधिकारी ईश्वर गदाद द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी गई है।हिरेमथ ने कहा कि रिपोर्ट का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, आगे की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा, विनिर्माण इकाई के साथ-साथ प्रयोगशालाओं को भी टीके की शीशियां भेज दी गई हैं। जब वे रिपोर्ट दे देंगे, तब कारण और स्पष्ट हो जाएगा। टीकाकरण के कारण होने वाली मौतों के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत कुछ मानदंड हैं।उन्होंने कहा, हम मुआवजे के लिए संयुक्त सचिव से सिफारिश करेंगे।

तीन बच्चों की मौत की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिस नर्स ने मंगलवार को फार्मासिस्ट से टीके की शीशियां प्राप्त की थीं, उसने सभी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उन्हें खाद्य पदार्थो के साथ एक होटल के फ्रिज में रखा था, इससे जीवाणु संक्रमण हो गया और टीकों लगाए जाने के बाद एसेप्टिक शॉक सिंड्रोम के कारण तीन बच्चों की मौत हो गई।

12 जनवरी को बोचागला शिविर में टीकाकरण के बाद दो मौतों की सूचना मिली थी, जबकि रामदुर्ग तालुक में 11 जनवरी को मल्लापुरा शिविर में एक की मौत हुई थी।बोचागला में 17 बच्चों का टीकाकरण किया गया और मल्लापुरा में चार बच्चों को टीका लगाया गया। दो लड़कियां, एक 18 महीने की और दूसरी 12 महीने की है, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने नर्स सलमा और फार्मासिस्ट जयराम को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।ईश्वर गदाद ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार टीके की शीशियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) से टीकाकरण शिविरों तक ले जाना होगा और बची हुईं शीशियां वापस करनी होंगी।

उन्होंने कहा, नर्स सलमा को शीशियां होटल के फ्रिज में नहीं रखनी चाहिए थीं। उससे प्राप्त शीशियां वापस ले ली गई हैं और जांच के लिए भेज दी गई हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। स्वास्थ्य विभाग ने इसका ध्यान रखा है। माता-पिता अपने बच्चों के टीकाकरण के लिए आगे आ सकते हैं।

13 महीने की बच्ची पवित्रा हलगुर को वैक्सीन की पहली खुराक दिए जाने के कुछ घंटों बाद उल्टी होने लगी। उसी दिन उसकी मौत हो गई।इसी तरह तबीयत बिगड़ने के बाद 14 महीने के बच्चे उमेश कारागुंडी को बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया। उसे आईसीयू में रखा गया, जहां 15 जनवरी को उसकी मौत हो गई।

मल्लापुरा कैंप में वैक्सीन लगाए जाने के बाद 15 महीने की बच्ची चेतना की भी 15 जनवरी को मौत हो गई।15 महीने से कम उम्र के बच्चों को खसरा-रूबेला के टीके की पहली खुराक दी जाती है और 15 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को दूसरी खुराक दी जाती है।

(आईएएनएस)

Created On :   19 Jan 2022 7:00 PM IST

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