हिंदू धर्म के अपमान से जुड़ी सामग्री की समीक्षा के लिए धर्म सेंसर बोर्ड गठित

Religion Censor Board constituted to review content related to insult of Hinduism
हिंदू धर्म के अपमान से जुड़ी सामग्री की समीक्षा के लिए धर्म सेंसर बोर्ड गठित
फिल्म निर्माताओं के लिए जारी करेंगे दिशानिर्देश हिंदू धर्म के अपमान से जुड़ी सामग्री की समीक्षा के लिए धर्म सेंसर बोर्ड गठित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फिल्मों और धारावाहिकों के माध्यम से समाज में परोसी जा रही अश्लीलता या हिंदू धर्म के अपमान से जुड़ी सामग्री की समीक्षा के लिए धर्म सेंसर बोर्ड गठित किया जा रहा है। यह धर्म सेंसर बोर्ड भी फिल्म सेंसर बोर्ड की तर्ज पर काम करेगा। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंगलवार को इसके गठन की यहां घोषणा की। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी को धर्म सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म निर्माताओं के लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे और इसका पालन नहीं करने वाले फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।  कन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि फिल्म, धारावाहिक या ओटीटी सीक्वेंसेस आदि दु:ख को थोड़ी देर भूलने के लिए मनोरंजन का एक साधन है। मनोरंजन से हमे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मनोरंजन के नाम पर ऐसा कुछ न परोसा जाए जिससे हिंदू समुदाय की भावना आहत होती हों या संस्कृति का नुकसान हो। उन्होंने कहा कि कुछ पैसा कमाने के चक्कर में संस्कृति, धर्म के प्रति अनास्था उत्पन्न कर रहे है। यह सिलसिला देश में कई दशकों से चल रहा है। लिहाजा इसकी निगरानी के लिए धर्म सेंसर बोर्ड गठित करने का फैसला लिया गया है।

जगदगुरु ने पठान फिल्म को लेकर जारी विवाद से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार द्वारा बनाया गया फिल्म सेंसर बोर्ड अपना काम कर रहा है, लेकिन उसके काम में कुछ कमी है जिसके चलते ऐसे दृश्य सामने आ जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम लंबे समय से फिल्म सेंसर बोर्ड में हमारे सदस्य को रखने की मांग करते आए हैं, लेकिन यह मांग पूरी नहीं हुई है। इसलिए हमने फैसला किया है कि जिस तरह से सेंसर बोर्ड काम करता है, उसी तर्ज पर धर्म सेंसर बोर्ड के जरिए फिल्मों को जांचने का काम किया जाएगा। शंकराचार्य ने धर्म सेंसर बोर्ड के काम करने के तरीके को लेकर कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा फिल्म या धारावाहिक में धर्म को लेकर कोई भी शिकायत आएगी तो उस मामले को देखकर निर्माता-निर्देशक से बात की जाएगी। इतना ही नहीं अगर धर्म को लेकर सलाह मांगी जाएगी तो हम सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड का मुख्यालय दिल्ली में होगा, जिसका उद्घाटन 15 जनवरी को किया जाएगा। इसके बाद सभी राज्यों में इसका कार्यालय स्थापित होगा। 
 

Created On :   3 Jan 2023 7:34 PM IST

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