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एक मंच पर लावणी, भांगड़ा, घूमर, बिहू, आदिवासी नृत्य, लोक गीत-संगीत की प्रस्तुति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोककला, जीवनशैली, नृत्य, गीत-संगीत आदि में सामाजिक विविधता के बावजूद हमारा देश भावनात्मक एकजुटता के सूत्र में पिरोया नजर आता है। ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ गीत की धुन पर हर भारतीय का दिल झूमने लगता है। हमारी इसी संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी प्रसारित करने के लिए दैनिक भास्कर द्वारा देश के लगभग सभी प्रदेशों की लोकनृत्य कला, गीत व संगीत को एक मंच देने का प्रयास किया जा रहा है। अनूठे आयोजनों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की अलख जलाकर महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए वुमन भास्कर क्लब व रायसोनी समूह के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार 17 दिसंबर को जीरो माइल चौक स्थित फ्रीडम पार्क में कार्यक्रम होगा। नृत्य-संगीतमय कार्यक्रम ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ में महाराष्ट्र की लावणी, पंजाब का भांगड़ा, राजस्थानी घूमर, असम का बिहू, छत्तीसगढ़ी आदिवासी नृत्यकला आदि का प्रदर्शन होगा। विशेष नृत्य शैली के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का प्रयास करती विविध प्रदेश की महिलाओं की सामाजिक भूमिका को इस आयोजन के माध्यम से प्रस्तुत करने का यह प्रयास आपके लिए यादगार साबित होगा।
मराठी लावणी का सौंदर्य
महाराष्ट्र को एक सुर में मुखर करने वाली मराठी लावणी का समय के साथ-साथ रूप-रंग व कला प्रदर्शन का तरीका बदलता जा रहा है। हम आपको लावणी के उस मूल अस्तित्व के दर्शन कराएंगे, जो इस कला का सौंदर्य है। मैं अपने ग्रुप के साथ लावणी नृत्य पेश करने आ रही हूं। महाराष्ट्र की इस पारंपरिक नृत्य कला से रूबरू होने और मेरे साथ थिरकने के लिए ‘यायच हो’। -कीर्ति आवले
ओए भांगड़ा पा ले आजा-आजा...
पंजाबी नृत्य भांगड़ा करने से तात्पर्य खुशी मनाना है। तनाव से मुक्ति के लिए महिलाओं का खुश रहना जरूरी है। सभी बहनों से मैं यही कहना चाहूंगी की जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए। आपकी खुशी में शामिल होकर भांगड़ा करने के लिए जसमीत निज्जर अपने ग्रुप सहित आपके बीच रहेंगी। ओए भांगड़ा पा ले आजा-आजा... -जसमीत निज्जर
अरपा पैरी के धार...
भारतीय संस्कृति में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य व कला का विशेष स्थान रहा है। आदिवासी लोकगीत, नृत्य व कला में संस्कृति के दर्शन होते हैं। विशेष पारंपरिक वेशभूषा और छत्तीसगढ़ी अंदाज में बहुचर्चित गीत ‘अरपा पैरी के धार...’ पर डांस के लिए हम आ रहे हैं। आप सबो संगवादी जन-ला उपस्थित रहना है। -दुर्गा खिसागरा
राजस्थानी फ्यूजन का आकर्षण
राजस्थान का राजस्थानी नृत्यकला विशेष आकर्षण है। हम राजस्थानी फ्यूजन पेश करेंगी। इसमें बहुचर्चित 4 गीतों को शामिल किया गया है। डांस के इस कार्यक्रम में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ-साथ सांस्कृतिक व पारंपरिक धरोहर को साझा करने का प्रयास रहेगा। जरूर पधारें। -पुष्पा काकाणी
परात पर थिरकेंगे कदम
^मारवाड़ की पहचान बन चुके मारवाड़ी गीत और ‘घूमर नृत्य’ का जादू सिर चढ़कर बोलता है। विशेष परात नृत्य करने वाली नृत्यांगनाएं साहस और सौंदर्य की प्रतिमूर्ति हैं। रजवाड़ी रानियाें की पारंपरिक नृत्य कला से परिचय कराने के लिए प्रशिक्षित महिलाएं परात पर थिरकेंगी। इस विलक्षण दृश्य को निहारने और हमारे साथ नृत्य करने के लिए ‘पधारो जी’। -अनामिका मोदी
कथक की बात ही निराली
नृत्य का आयोजन उत्तर प्रदेश की प्राचीन शास्त्रीय नृत्यकला ‘कथक’ के बिना अधूरा है। कथक के साथ पंजाबी तड़का भी होगा। खुशगवार मौसम में भारतीय नृत्य कला का प्रदर्शन बेहतरीन संकल्पना है। सभी महिलाओं से निवेदन है कि ‘नर्तनम’ की प्रस्तुति का आनंद लेने अवश्य उपस्थित रहें। -अमोल मोटेवार, कथक नृत्य गुरु
Created On :   15 Dec 2022 12:31 PM IST