नागालैंड ने राष्ट्र निर्माण में समान भागीदार बनने के लिए चुनौतियों पर काबू पाया : राज्यपाल
डिजिटल डेस्क, कोहिमा। नागालैंड के राज्यपाल जगदीश मुखी ने गुरुवार को कहा कि राज्य का जन्म कठिन परिस्थितियों में हुआ था, और एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में लोकतांत्रिक लोकाचार का पोषण एवं एक कठिन राजनीतिक माहौल में आदिवासी सम्मान और सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट नागा समाज का निर्माण करना सभी वर्गो के लिए एक चुनौती थी। राज्यपाल ने यह भी कहा कि नागालैंड ने देश की वृद्धि और विकास की दिशा में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
राज्यपाल जगदीश मुखी ने कोहिमा में नागालैंड सिविल सचिवालय प्लाजा में 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नागा मानव संसाधन में किसी से पीछे नहीं हैं और उनके द्वारा सफलता की कई कहानियां रची जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि नगाओं को समुदाय और मानवता के प्रति उच्चतम ज्ञान और सेवा की खोज में ध्यान केंद्रित करने और लगातार बने रहने की जरूरत है।राज्यपाल ने कहा कि नागालैंड का गठन 1963 में एक यूनिक स्पेशल संवैधानिक व्यवस्था के साथ हुआ था, जो नागा लोगों की पहचान और हितों की रक्षा करता है और इसने लोगों के भविष्य को उनकी प्रतिभा के अनुसार विकसित करने के लिए एक ठोस नींव रखी। मुखी ने आगे कहा कि राज्य ने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में समान और योगदान देने वाला भागीदार बनने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं।
राज्यपाल ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गो के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें भी देश की उन्नति और विकास में स्थान मिले। राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि बेहतर फसल के लिए कृषि क्षेत्र तकनीकी प्रगति पर अधिक भरोसा कर सकता है।
(आईएएनएस)
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Created On :   26 Jan 2023 5:30 PM GMT