सतना में जुड़वा मासूमों की हत्या के आरोपी ने जेल में फांसी लगाई

Man who kidnapped twins and murder commit suicide in satna jail
सतना में जुड़वा मासूमों की हत्या के आरोपी ने जेल में फांसी लगाई
सतना में जुड़वा मासूमों की हत्या के आरोपी ने जेल में फांसी लगाई

डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट में 12 फरवरी को अगवा हुए मासूम भाइयों के हत्यारे रामकेश यादव ने सतना सेंट्रल जेल में फांसी लगातार आत्महत्या कर ली है। रामकेश ने मंगलवार सुबह जेल में फांसी लगाकर जान दे दी। रामकेश ने जेल की नंबर 8 बैरक में फांसी लगा ली, जिसके बाद पूरे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आरोपी रामकेश को फांसी में लटका देखकर अधिकारियों ने रामकेश के शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। उल्लेखनीय है, मासूम जुड़वा भाइयों के अपहरण और हत्या के आरोपी पदम शुक्ला पिता राकरण शुक्ला, आलोक उर्फ लकी तोमर पिता सत्येन्द्र सिंह, विक्रम सिंह पिता प्रहलाद, राज द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी, रामकेश यादव पिता रामचरण और अपूर्व यादव उर्फ पिंटू पिता रामनरेश यादव को पुलिस ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। आईपीसी के सेक्सन 341, 364 ए , 34, 120 बी, 302, 25-27 आर्म्स एक्ट और 11-13 एडी एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को पुलिस ने पहली बार 24 फरवरी को चित्रकूट के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था। दो किश्तों में आरोपी 9 दिन पुलिस की रिमांड पर रहे।  

मांगी थी फिरौती

12 फरवरी को सीतापुर निवासी ब्रजेश रावत के दो जुड़वा बेटों प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण कर लिया गया था। जिसके बाद आरोपियों ने ब्रजेश को फोन कर फिरौती मांगी थी। मासूमों के पिता ने उन्हें 20 लाख रुपए दे भी दिए थे, लेकिन पकड़े जाने के ड़र से उन्होंने दोनों बच्चों की हत्या कर दी थी। 

ट्यूशन टीचर ने रची थी साजिश

फिरौती के लिए 6 साल के जुड़वा भाइयों प्रियांश और श्रेयांश को चित्रकूट के जानकीकुंड से अगवा करने की जानलेवा साजिश बच्चों के ट्यूशन टीचर रामकेश यादव और उसके भांजे अपूर्व यादव उर्फ पिंटू  ने मिल कर रची थी। इन्हीं लोगों ने करोड़ों के लाभ का लालच देकर पदमकांत शुक्ला और राजू द्विवेदी को भी अपनी साजिश में शामिल कर लिया।12 फरवरी को एसपीएस स्कूल के कैंपस से जुड़वा भाइयों को दिन दहाड़े गन प्वाइंट पर पदमकांत शुक्ला और राजू द्विवेदी ने उठाया था। 
 
दो दिन चित्रकूट में आलोक के घर पर थे बच्चे

बच्चों को अगवा करने के बाद पदम और राजू ग्लैमर बाइक से पूर्व योजना के तहत आलोक तोमर उर्फ लकी के घर पहुंचे। क्लोरोफार्म से बेसुधकर प्रियांश और श्रेयांश को इसी घर में 2 दिन तक रखा गया। उल्लेखनीय है, जानकीकुंड निवासी पदम जहां ग्रामोदय से बीटेक आईटी का ड्रॉप आउट स्टूडेंट था, वहीं आरोपी राजू द्विवेदी एमएससी एग्रोनॉमी सेकंड सेमेंस्टर का छात्र होने के कारण पहले से ही पिंटा उर्फ अपूर्व का साथी था। पिंटा ने ही राजू की पहचान पदम से कराई थी। एक अन्य आरोपी आलोक सिंह तोमर उर्फ लकी भी राजू का साथी। ग्रामोदय का ही छात्र रह चुका लकी मूलत: बिसंडा थाने के तेंदुरा का रहने वाला है। अपहरण की वारदात में शामिल इन बदमाशों ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत अतर्रा में कोतवाली से महज 100 मीटर के फासले पर एक पान वाले का मकान ये कह कर किराए पर ले रखा था कि उनका मकान मालिक मीट-मुर्गा नहीं बनाने देता है। ये मकान स्टेट हाइवे पर अतर्रा का भीड़ भरा इलाका है। किराए का मकान लेने में राजू और लकी ने अहम भूमिका निभाई थी।

Created On :   7 May 2019 9:47 AM GMT

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