छत्रसाल महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस का आयोजन
डिजिटल डेस्क,पन्ना। गणितीय सिद्धांतों में अत्याधिक प्रयोग किए जाने वाले स्थिरांक पाई के मान २२/७ यानी ३.१४१५९--(अनुमानित)के कारण हर साल कैलेण्डर वर्ष के तीसरे माह मार्च की १४ तारीख को पाई दिवस के तौर पर दोपहर १.५९ बजे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के यूनेस्को की नवम्बर २०१९ में हुई ४४वीं महासभा के दौरान पाई दिवस को अंतर्राराष्ट्रीय गणित दिवस के दौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी इसके बाद हर साल पाई डे यानि १४ मार्च को अंतर्राराष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। पन्ना के शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय के गणित विभाग में एक कार्यक्रम आयोजित कर अंतर्राराष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य एस.पी.एस परमार के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में गणित के विद्वान प्राध्यापक डॉ.जे.के.वर्मा ने बताया कि पाई एक ऐसी संख्या है जो किसी वृत्त की परिधि एवं व्यास का अनुपात होती है। इसका दशमलव विस्तार कभी समान नही होता और पुर्नावृत भी नही होता।
इस प्रकार जितनी बड़ी त्रिज्या का वृत्त लिया जाएगा दशमलव के उतने अंकों तक पाई का मान शुद्ध प्राप्त होगा। प्रारंभ के दो अंकों तक शुद्ध मान 3.14 के आधार पर 14 मार्च को अंतरराष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर बोलते हुए गणित के विभागाध्यक्ष डॉ. पी. पी. मिश्रा ने बताया कि यद्यपि आइंस्टीन को भौतिक विज्ञानी के रूप में ख्याति प्राप्त है किंतु वह गणित के भी वेत्ता रहे हैं और 14 मार्च उनका जन्मदिन भी है। इसी के साथ प्राचीन भारतीय संदर्भ में एक प्रसिद्ध श्लोक च्गोपीभाग्य मधुव्रात: का कटपयादिज् सूत्र से डिकोडिंग करके प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि पाई का यह मान दशमलव के बीस से भी अधिक स्थानों तक शुद्ध है तथा प्राचीन भारतीय शास्त्रों में भी बहुत ख्यातिप्राप्त एवं महत्व का रहा है। कार्यक्रम के अंत में गणित के सहायक प्राध्यापक डॉ. पुष्कर कुमार सिंह ने सभी छात्र-छात्राओं से पाई और अन्य संदर्भों में एक प्रश्नोत्तरी में प्रश्न पूछे तथा उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस कार्यक्रम में स्पर्धाओं में विजयी छात्र-छात्राओं को बाद में प्राचार्य द्वारा पुरस्कृत किया जावेगा।
Created On :   15 March 2023 2:55 PM IST