कृपाशंकर सिंह की जांच से जुड़ा मामला कोर्ट में पेश करने का निर्देश
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह से जुड़े मामले को लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त 21 जनवरी 2017 की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि पुलिस आयुक्त की यह रिपोर्ट न तो याचिकाकर्ता के पास है और न ही सरकारी वकील व अन्य प्रतिवादियों के पास। इसे देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सरकारी वकील डॉ. एफ.आर शेख को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने यह निर्देश मुंबई निवासी तुलसीदार नायर की ओर से दायर यचिका पर सुनवाई के बाद दिया। साल 2014 में दायर इस याचिका में मुख्य रुप से श्री सिंह के पास दो पैन कोर्ट होने और आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा याचिका में नायर ने कहा है कि श्री सिंह ने अपने राजनीतिक व आर्थिक प्रभाव का इस्तेमाल कर मुझे काफी परेशान व प्रताड़ित किया है। नायर के मुताबिक उन्होंने इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत की है लेकिन पुलिस ने मेरी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की है।
निचली अदालत ने किया है आरोप मुक्त
इससे पहले जब यह याचिका सुनवाई के लिए आयी तो श्री सिंह की ओर से अधिवक्ता केएच गिरी के साथ पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि याचिका में उठाए गए सारे मुद्दों की जांच हो चुकी हैं। निचली अदालत ने मेरे मुवक्किल को सारे आरोपों से मुक्त कर दिया है। अब इस याचिका पर सुनवाई की जरुरत नहीं है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय व केंद्रीय सतर्कता आयोग की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हितने वेणेगांवकर ने कहा कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से कोई हलफनामा दायर करने की जरुरत नहीं है। जबकि याचिकाकर्ता के वकील एमवी होलमागी ने कहा कि चूंकि इस मामले में आरोपी काफी प्रभावशाली व्यक्ति है। इसलिए इस प्रकरण में स्थानीय पुलिस ने कुछ नहीं किया हैं।
उन्होंने कहा कि आरोपी पर मनी लांड्रिंग सहित दूसरे कई आरोप हैं। इसलिए इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त ने साल 21 जनवरी 2017 में रिपोर्ट भेजी थी। जिसकी रिपोर्ट हमे नहीं मिली हैं। श्री सिंह के वकीलों ने भी कहा कि उनके पास रिपोर्ट की प्रति नहीं हैं। सरकारी वकील श्री शेख ने कहा कि उनके पास भी अभी रिपोर्ट नहीं है। उन्हें इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए समय दिया जाए। मामले से जुड़े सभी पक्षों को कुछ समय सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस याचिका में कई मुद्दे उठाए गए जिन्हें सुनने में समय लगेगा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मामले को लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त ने 21 जनवरी 2017 को कोई रिपोर्ट तैयार की है। इसलिए सरकारी वकील शेख यह रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। यह कहते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी हैं।
Created On :   7 March 2020 6:46 PM IST
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