10 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से प्रकरणों के निराकरण हेतु किया गया 42 खण्डपीठों का गठन!

In the National Lok Adalat held on 10th July, 42 division benches were formed to settle the cases by mutual agreement!
10 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से प्रकरणों के निराकरण हेतु किया गया 42 खण्डपीठों का गठन!
10 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से प्रकरणों के निराकरण हेतु किया गया 42 खण्डपीठों का गठन!

डिजिटल डेस्क | सागर म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष श्री डी एन मिश्र के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय एवं समस्त तहसील न्यायालयों में 10 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री विवेक शर्मा के द्वारा जानकारी दी गई, कि उक्त नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराकाम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक / मनी रिकवरी संबंधी मामले, एम.ए.सी.टी. प्रकरण ( मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण ), श्रम विवाद प्रकरण, विघुत एवं जल कर / बिल संबंधी ( सिर्फ शमनीय प्रकरण ), वैवाहिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, सेवा मामलें जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, राजस्व प्रकरण ( सिर्फ जिला / उच्च न्यायालयों में लंबित ), दीवानी इत्यादि मामलें महत्वपूर्ण है, एवं लंबित प्रकरणों के अलावा प्रीलिटिगेशन ( मुकदमा पूर्व ) के अंतर्गत पराकाम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक / मनी रिकवरी संबंधी मामले, श्रम विवाद संबंधी मामलें, विघुत एवं जल कर / बिल संबंधी ( सिर्फ शमनीय प्रकरण ), दूरसंचार के बकाया लैण्डलाईन / मोबाइल बिल संबंधी प्रकरण, आपराधिक शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि मामलें महत्वपूर्ण है।

उपरोक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय, सागर एवं समस्त तहसील सिविल न्यायालयों में कुल 42 खण्डपीठों का गठन किया गया है तथा खण्डपीठों के समक्ष लगभग 4296 से अधिक लंबित प्रकरणों को एवं लगभग 6100 से अधिक प्रीलिटिगेशन प्रकरणों को इस प्रकार कुल 10396 से भी अधिक प्रकरणों को आपसी समझौते से निराकरण के लिए रखा गया है। उल्लेखनीय है, कि 10 जुलाई 2021 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में विधुत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों में मध्यप्रदेश शासन द्वारा घरेलू . कृषि एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं को आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी एवं इसी प्रकार प्री - लिटिगेशन स्तर पर आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं 16 प्रतिशत की दर से लगने वाले व्याज पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी।

उपरोक्त छूट के अलावा नगर पालिका निगम, बैंक आदि विभागों द्वारा केवल नेशनल लोक अदालत में निराकृत होने वाले प्रकरणों के लिए नियमानुसार छूट भी प्रदान की गई है। वह दिनांक 10 जुलाई 2021 के पश्चात् समाप्त हो जावेगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर के अध्यक्ष श्रीमान डी.एन.मिश्र एवं सचिव श्री विवेक शर्मा के द्वारा अपील की गई है, कि ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व ( प्रि - लिटिगेशन ) उपरोक्त प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों / विवादों का आपसी सहमति से नेशनल लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते है वे 10 जुलाई 2021 को नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ के समक्ष उपस्थित होकर, आपसी सुलह एवं समझौता से अपने प्रकरण का निराकरण कराकर लोक अदालत का लाभ उठाएं और नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।

Created On :   10 July 2021 9:30 AM GMT

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