पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री प्रक्रिया दुरुस्त करें महासंचालक
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को पंजीयन व मुद्रांक विभाग महानिरीक्षक को आदेश दिया है कि वे नागपुर समेत राज्य भर में नए भू-खंड या घर की रजिस्ट्री अौर राजस्व रिकार्ड में म्यूटेशन की प्रक्रिया को दुरुस्त करें। सुनवाई के दौरान महानिरीक्षक, जिलाधिकारी और सभी संबंधित अधिकारी हाजिर रहे। महानिरीक्षक से इस मामले में शपथ-पत्र मांगा गया है। याचिकाकर्ता शंकरराव बनारासे की ओर से पी.बी.वैद्य और केतकी जलतारे ने पक्ष रखा। प्रतिवादी मदरसा जामिया इस्लामिया की ओर से एड.मसूद शरीफ और एड.आदिल मिर्जा ने पक्ष रखा।
यह है मामला : याचिकाकर्ता अनुसार, उनके पिता ने नागपुर में एक भू-खंड खरीदा था, लेकिन राजस्व दस्तावेजों में उन्होंने म्यूटेशन नहीं कराया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रतिवादी मूल मालिक ने उसी भू-खंड को किसी दूसरे को बेच दिया। जब नए खरीददार का नाम आखिर पत्रिका में चढ़ने की प्रक्रिया शुरू हुई तो याचिकाकर्ता ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। वहां राहत नहीं मिलने के कारण याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि एमएलआर कोड के प्रावधानों के अनुसार, याचिकाकर्ता को म्यूटेशन का आवेदन देने की जरुरत नहीं थी। यह राजस्व अधिकारियों का कर्तव्य था कि वे दस्तावेजों में याचिकाकर्ता का नाम चढ़ाते।
अधिकारियों की हाजिरी : इसी मुद्दे पर व्यक्तिवाद बढ़ता गया और नागपुर समेत प्रदेश भर में होने वाली रजिस्ट्री और म्यूटेशन की प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा निकल कर आया। ऐसे में हाई कोर्ट ने तुरंत इस प्रकरण में पंजीयन व मुद्रांक विभाग महानिरीक्षक, नागपुर जिलाधिकारी, दुय्यम उप निबंधक, सिटी सर्वे अधिकारियों, तहसीलदार और तलाठियों को जोड़ लिया। इन संबंधित विभागों में किस तरह का काम हो रहा है, इस पर स्वयं कोर्ट ने जायजा लिया। हाई कोर्ट ने दुय्यम उप निबंधक कार्यालय से लेकर सिटी सर्वे कार्यालय के कामकाज का तरीका समझने के लिए संबंधित अधिकारियों को तलब कर दिया। हाल ही में अधिकारियों ने कांपते हाथों से कोर्ट के समक्ष अपने कार्यालय के कामकाज का प्रेजेंटेशन भी दिया। अब इस मामले में सुनवाई सोमवार को रखी गई है।
Created On :   17 Feb 2023 11:02 AM IST