मरने वालों की संख्या 28 हुई, 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित

Death toll rises to 28, more than 5 lakh people affected
मरने वालों की संख्या 28 हुई, 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित
असम बाढ़ मरने वालों की संख्या 28 हुई, 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी असम में मानसून-पूर्व बाढ़ से और दो लोगों की मौत के साथ बुधवार को मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 28 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से राज्य के 15 जिलों में 5.75 लाख लोग प्रभावित हैं।हालांकि बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार बताया जा रहा है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों ने कहा कि छह सदस्यों की एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम संपत्ति, फसलों, नुकसान का आकलन करने के लिए शुक्रवार से बाढ़ प्रभावित राज्य के दो दिवसीय दौरे पर होगी।

एएसडीएमए के अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के वित्तीय सलाहकार रवीश कुमार के नेतृत्व में टीम बारिश प्रेरित बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए कछार, दीमा हसाओ, दरांग, नागांव और होजई जिलों का दौरा करेगी।

अधिकारियों के अनुसार, राज्य के 34 जिलों में से 15 में 1,073 गांवों के 1,15,314 बच्चों सहित कम से कम 5,75,470 लोग प्रभावित हुए हैं। 28 मौतों में से 23 बाढ़ में और शेष पांच विभिन्न जिलों में भूस्खलन में मारे गए।एएसडीएमए की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 51,671 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित है।

310 राहत शिविरों में कुल 72,698 लोग रह रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में 112 राहत वितरण केंद्र भी खोले हैं।बाढ़ प्रभावित 15 जिलों में से अकेले नागांव जिलों में 3,64,492 लोग प्रभावित हुए, जबकि कछार में 1,63,488 लोग और मोरीगांव जिले में 41,036 लोग प्रभावित हुए।

थलसेना, वायुसेना, असम राइफल्स, विभिन्न अर्ध-सैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ-साथ जिला प्रशासन ने फंसे हुए लोगों और असहाय पुरुषों, महिलाओं व बच्चों को राहत देने के लिए के लिए चौबीसों घंटे काम करना जारी रखे हुए है।वायुसेना ने गुवाहाटी, जोरहाट और सिलचर से हेलीकॉप्टरों के 20 शटल/ट्रिप के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सामग्री हवा में गिराई।

राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन, स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका और पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य सहित कई मंत्री बचाव और राहत कार्यो की निगरानी के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।

कोपिली नदी का पानी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। दीमा हसाओ जिले में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के पहाड़ी खंड में बुधवार को स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि खराब मौसम ने लुमडिंग को प्रभावित किया है। बदरपुर सिंगल रेलवे लाइन जो त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और दक्षिणी असम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है, इस समय ठप्प पड़ी हुई है।एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे के अनुसार, लुमडिंग डिवीजन में ट्रेन सेवाएं जून के अंत तक रद्द रहेंगी।

 

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Created On :   25 May 2022 10:30 PM IST

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