हमारे साथ क्लेम डिपार्टमेंट व ब्रांच के अधिकारियों ने की धोखाधड़ी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पॉलिसी के तीन साल पूरा होने के बाद हमारी कंपनी पूरा बीमा कवर करती है और अस्पताल में इलाज के दौरान किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करना पड़ता है। अनेक वादे बीमा कंपनियों के द्वारा किए जाते हैं और बाद में उन वादों को बीमा कंपनियां किस तरह तोड़ती हैं, इसका खुलासा बीमित खुद अपनी शिकायतों के माध्यम से कर रहे हैं।
कोई भी क्लेम नहीं लिया : रविप्रकाश शुक्ला ने अपनी शिकायत में बताया कि वे 15 साल से स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी का संचालन करते आ रहे हैं। पॉलिसी का प्रीमियम भी बैंक के माध्यम से जमा करते आ रहे हैं। उन्होंने बीमा कंपनी से किसी भी तरह का क्लेम आज तक नहीं लिया। वर्ष 2020 में वे एक हादसे का शिकार हो गए थे। उनके हाथ का कंधा टूट गया था और गंभीर अवस्था में परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के पूर्व बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए मेल किया गया तो बीमा अधिकारियों ने स्वीकृत कर दिया था। ऑपरेशन के पश्चात बीमित की छुट्टी होने के बाद स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कैशलेस रिजेक्ट कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने बीमा कंपनी के विरुद्ध एक्शन लेने के बजाय मरीज पर उल्टे एफआईआर करा दी।
पीड़ित का आरोप : पीड़ित का आरोप है कि बीमा कंपनी ने जालसाजी की और मुझे जालसाज अस्पताल प्रबंधन ने बना दिया। बीमित लगातार पत्राचार करता रहा पर जिम्मेदार किसी भी तरह का उचित जवाब नहीं दे रहे, जबकि 15 साल पुरानी पॉलिसी थी और बीमा कंपनी को आॅपरेशन का पूरा भुगतान करना था पर बीमा कंपनी ने किसी भी तरह का सहयोग नहीं दिया। बीमित अब स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के खिलाफ केस लगाने की तैयारी में है।
इस नंबर पर समस्या बताएं : स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है, तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9422165556 पर वाट्सएप कर सकते हैं, जरूरी प्रमाण भी भेजें।
Created On :   27 April 2023 11:41 AM IST