बेंगलुरु में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू, सूची में बड़े नाम शामिल

Campaign against encroachment started in Bengaluru, big names included in the list
बेंगलुरु में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू, सूची में बड़े नाम शामिल
कर्नाटक बेंगलुरु में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू, सूची में बड़े नाम शामिल

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। पिछले हफ्ते शहर के आईटी क्वार्टर में आई भीषण बाढ़ के बाद भारत की सिलिकॉन वैली में जल जमाव की समस्या ने बीबीएमपी का ध्यान बढ़ते अतिक्रमण की ओर खींचा है, क्योंकि पानी निकासी के ज्यादातर रास्ते बंद हैं।

बीबीएमपी के एक आंतरिक नोट के अनुसार, एक विडंबना यह है कि कई हाई प्रोफाइल डेवलपर्स, आईटी प्रमुख, अस्पताल अतिक्रमणकारियों में शामिल हैं, जो कथित तौर पर लगभग 700 जल नालियों (एसडब्ल्यूडी) को चोक करने के लिए जिम्मेदार हैं।

लगभग आधे अतिक्रमण में मकान और स्थायी प्रकृति के अन्य ढांचे शामिल हैं, जो धीमी गति से चल रहे हैं।

अतिक्रमणकारियों की सूची में प्रेस्टीज, बागमाने टेक पार्क, कोलंबिया एशिया अस्पताल, इको स्पेस, गोपालन, सालारपुरिया और विप्रो जैसी संस्थाओं के नाम हैं।

अधिकारी अब एक्शन मोड में आ गए हैं और उन पर कुछ पार्टियों द्वारा चुनिंदा ढांचों को ही तोड़ने का आरोप लगाया जा रहा है, जिनकी संपत्तियों को पिछले दो दिनों में विध्वंस अभियान का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

मराठाहल्ली में एक अपार्टमेंट इमारत के निवासी ने कहा, बड़ी कंपनियों के पीछे जाने के बजाय, अधिकारी हमारी तरह निजी आवासीय संपत्तियों को निशाना बना रहे हैं।

कुछ निवासियों ने विध्वंस अभियान के खिलाफ अदालतों का दरवाजा खटखटाया है। नगर निगम के अधिकारी भेदभाव के आरोपों से बेफिक्र हैं।

नाम जाहिर न करने की शर्त पर बीबीएमपी सूत्रों ने बताया कि उन्हें सभी अतिक्रमणों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया है, लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक तेजी से नहीं चल रहा है।

कांग्रेस विधायक हारिस नलपद ने उनके स्कूल के विध्वंस अभियान के मनमाने तरीके पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, सबसे पहले यहां कोई बाढ़ नहीं थी, और 25 साल पहले जब हमने संपत्ति खरीदी थी तो यहां कोई तूफानी जल निकासी नहीं थी। तो यह जल्दबाजी क्यों है? अगर वे कानूनी नोटिस जारी करते हैं, तो हम संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कर सकते हैं और जांच सकते हैं कि क्या कोई है अतिक्रमण है।

हालांकि, अभी तक उद्योग के कप्तानों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है जो बाढ़ और इसके पीछे के कारणों पर हंगामा कर रहे थे।

(आईएएनएस)

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Created On :   14 Sept 2022 2:00 PM IST

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