4 माह में विदर्भ में 5 बाघों की मौत, बढ़ रहे हैं अवैध शिकार के मामले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाघों की संख्या बढ़ रही है, तो लगातार मौत के आंकड़े भी सामने आ रहे हैं। गत वर्ष की बात करें तो पूरे राज्य में 29 बाघों की मौत दर्ज हुई थी, जिसमें विदर्भ के बाघ भी शामिल हैं। गत चार महीने में सिर्फ विदर्भ में ही 5 बाघों की मौत हुई है। कुछ हादसे में मारे गए, तो कुछ का अवैध शिकार हुआ है।
कुछ मामले इस प्रकार हैं-
20 नवंबर 2022 को पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत एक आरोपी पकड़ा गया था, जो बाघ का शिकार कर उसके अंगों की तस्करी के फिराक में था।
12 जनवरी 2023 को एक पेंच व्याघ्र प्रकल्प पेंच टाइगर रिजर्व में कोडु तालाब में एक बाघ का शव मिला था, जो सड़ी-गली अवस्था में था।
14 फरवरी 2023 को एक बाघ की मौत हो गई थी। उसे चंद्रपुर से रेस्क्यू कर लाया गया था। अचानक तबीयत खराब होने से उसकी मौत हो गई।
जनवरी माह में पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत खुर्सापार में एक शावक मृत अवस्था में मिला था। इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई थी।
अधिक वन इलाका विदर्भ में : महाराष्ट्र में कुल वन विभाग का परिसर 61 हजार 723 वर्ग किमी में फैला है, जिसमें चंद्रपुर, गड़चिरोली, नागपुर, अमरावती, यवतमाल, औरंगाबाद, नाशिक, धुले, ठाणे, पुणे, कोल्हापुर वन परिक्षेत्र आता है। वर्तमान में इनमें 315 बाघ मौजूद है। इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा इलाका विदर्भ अंतर्गत आता है, जिसमें पेंच, ताडोबा, मेलघाट, सह्याद्री बोर, नवेगांव-नागझिरा, चंद्रपुर वन क्षेत्र का समावेश है। राज्य के ज्यादातर बाघ विदर्भ के ताडोबा व पेंच क्षेत्र में ही हैं। लेकिन जिस तरह यहां बाघों की संख्या ज्यादा है, ठीक उसी तरह यहां आए दिन यहां बाघों की मौत भी देखने को मिल रही है।
बाघों की संख्या क्षेत्र अनुसार इस प्रकार है महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र में गडचिरोली, अमरावती, नागपुर, अमरावती, गोंदिया जिले में बाघ प्रकल्प स्थित हैं। मुख्य रूप से मेलघाट, ताडोबा, पेंच व्याघ्र प्रकल्प प्रसिद्ध है।
कहां, कितने बाघ हैं
मेलघाट टाइगर रिजर्व 50
पेंच टाइगर रिजर्व 39
नवेगांव नागझिरा 9
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व 85
बोर टाइगर रिजर् 6
ब्रह्मपुरी टाइगर रिजर्व 5
टीपेश्वर 23
उमरेड पवनी करांडला 11
सेंट्रल चांदा फॉरेस्ट 23
चंद्रपुर फॉरेस्ट डिवीजन 31
पैनगंगा वाइल्ड लाइफ 01
राज्य में 312 बाघों की मौजूदगी : पूरे राज्य में कुल 6 नेशनल पार्क हैं। इसके अलावा 50 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है। कुल आरक्षित इलाके 15 हैं। वन विभाग के अंतर्गत आने वाला कुल इलाका 10 हजार 3 सौ 50 वर्ग किमी है। कुल 6 टाइगर रिजर्व हैं, जिसमें 9 हजार 114 वर्ग किमी का एरिया है। महाराष्ट्र में कुल बाघों की बात करें तो वर्ष 2018 के एनटीसीए के रिपोर्ट अनुसार 312 बाघ मौजूद हैं।
इसलिए खतरे में : विदर्भ के जंगलों से बाघ मध्य प्रदेश के वनों में भी जाते हैं। एक वयस्क नर बाघ 60 से 100 वर्ग किलोमीटर और मादा बाघ करीब 20 वर्ग किलोमीटर के दायरे में शिकार और जोड़ीदार की तलाश में विचरण करता है। वनों में इंसानी घुसपैठ के कारण बाघों का भ्रमण क्षेत्र भी अतिक्रमित हो रहा है। व्याघ्र प्रकल्प से बाहर जाने वाले बाघों ने अपना कॉरिडोर सा बना लिया है, लेकिन प्रकल्प से बाहर भटकने वाले बाघों के जीवन को खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। वे अवैध शिकार करने वालों का निशाना बनने का खतरा मोल लेते हैं।
Created On :   14 March 2023 11:02 AM IST