भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े एक्शन की उम्मीद: मप्र में फिर लग सकता है ईडी सहित कई एजेंसियों का जमावड़ा

मप्र में फिर लग सकता है ईडी सहित कई एजेंसियों का जमावड़ा
  • मध्य प्रदेश में ईडी सहित अन्य जांच एजेंसियां फिर से दस्तक दे सकती हैं।
  • लोकसभा चुनाव से पहले एक्शन की संभावना: सूत्रों के अनुसार बड़े एक्शन का इंतजार
  • भ्रष्टाचार के मामलों में उच्चायुक्त की सक्रिय भूमिका

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय यानि कि ईडी सहित अन्य जांच एजेंसियां दस्तक दे सकती हैं। दरअसल, इन दिनों बदनाम विभाग के एक अधिकारी के भ्रष्टाचार की चर्चा सत्ता संगठन अफसर शाही में जारों पर चल रही है। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि, लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है।

बता दें कि, मोदी की भ्रष्टाचारियों की सफाई अभियान की आंधी में महाराष्ट्र के एनसीबी पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े पर ईडी की कार्रवाई व रेल मंत्रालय दिल्ली के गुवाहाटी में पदस्थ एक भ्रष्टाचारी अधिकारी जितेंद्र झा एवं अन्य पर सीबीआई की कारवाई हुई थी। इसी के साथ मप्र की राजधानी भोपाल के सरकारी विभागों में वायरलेस जीपीएस उपकरण सप्लाई करने वाली भारतीय कम्युनिकेशन के सीईओ गुरुवेश कुमार के घर पर भी ईडी सीबीआई एवं अन्य जांच एजेंसयों ने दबिश दी थी।

सूत्रों की मानें तो, गुना हादसे में 13 लोगों को अपने भ्रष्टाचार के चूल्हे में जलाने की सच्चाई जब प्रदेश के मुखिया को लगी। इसके बाद उन्होंने उक्त अधिकारी पर जांच व कार्रवाई करने से पूर्व सावधानी पूर्वक उक्त चुनाव को सामने देखते हुए विपक्ष के हाथ कोई मुद्दा ना लग जाए, इससे पहले बदनाम विभाग को पाक साफ करने के सालों से लंबित मामले को तुरंत लागू करने का आदेश कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार, अधिकारी और उसके दलाल के बीच विवाद में यह खुलासा हुआ जिस प्रकार झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के दलाल विनोद को सरकारी गवाह बनाया गया है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में इस मामले में दलाल को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी होते ही जल्द ही कई जांच एजेंसियां दबीश देने वाली हैं। कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार में कमाई करोड़ों रुपये की रकम हवाले के माध्यम से राजस्थान एव दिल्ली भिजवाया गया है। विभाग में दोबारा ऐसी भ्रष्टाचारी और बंदर बाट ना हो इसलिए इतिहास में पहली बार समान कद वाले दो अधिकारियों को कमान सौंप दी गई है, जिससे कि भ्रष्टाचार मुक्त विभाग की जिम्मेदारी की नैतिक जिम्मेदारी दोनों की बनी रहे और कोई एक अपना पल्ला ना झाड़ सके।

Created On :   29 Feb 2024 7:47 PM IST

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