मध्य प्रदेश: ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर विवाद, बार एसोसिएशन के विरोध में अजाक्स की मांग

- अंबेडकर प्रतिमा को लेकर अजाक्स और बार एसोसिएशन आमने सामने
- बार एसोसिएशन अंबेडकर की मूर्ति लगाने का कर रहा है विरोध
- अंबेडकर ने देश के सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय की लड़ाई लड़ी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के ग्वालियर उच्च न्यायालय में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कराने को लेकर अजाक्स संगठन और बार एसोसिएशन आमने सामने आ गए है। आपको बता दें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ ग्वालियर में एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया और एडवोकेट धर्मेंद्र कुशवाह के सराहनीय प्रयासों से डॉ अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जा रही है, जिसका बार एसोसिएशन के कुछ वकील विरोध कर रहे है।
इसे लेकर वकीलों का समूह दो धड़ों में बंट हुआ है। कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर बार एसोसिएशन डॉ अंबेडकर प्रतिमा के खिलाफ प्रदर्शन करता है, तो वे बार एसोसिएशन के फैसले का खुलकर विरोध करेंगे। बार एसोसिएशन का प्रदर्शन संविधान और बाबा साहब का अपमान है। बाबा साहेब अंबेडकर ने देश के सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय की लड़ाई लड़ी। ऐसे में उनके योगदान को दरकिनार करना न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाना है। दूसरी तरफ बार एसोसिएशन के विरोध में अजाक्स ने हाईकोर्ट में संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने की तैयारी में है।
आपको बता दें भारतीय संविधान के निर्माता व देश के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर का संपूर्ण जीवन दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और न्याय दिलाने में बीता।
Created On :   23 March 2025 3:38 PM IST