चुनाव 2024: रायबरेली से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का राज? कैसे अखिलेश यादव ने पर्दे के पीछे निभाई अहम भूमिका! जानें

रायबरेली से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का राज? कैसे अखिलेश यादव ने पर्दे के पीछे निभाई अहम भूमिका! जानें
  • अंतिम समय में राहुल गांधी चुनाव लड़ने पर माने
  • गांधी परिवार को चुनाव लड़ाने में अखिलेश की अहम भूमिका
  • राहुल गांधी ने रायबरेली से भरा नामांकन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रायबरेली सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। जिसके बाद यूपी की राजनीति में नया मोड देखने को मिला। कांग्रेस की ओर से गांधी परिवार को हिंदी भाषी राज्य यूपी के चुनावी मैदान में उतारने की लंबी जद्दोजहद चली। जिसमें समाजवादी पार्टी का अहम योगदान रहा। जिसके बाद राहुल गांधी को नामांकन के आखिरी दिन रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भरा। जिसके लिए सियासी पर्दे के पीछे बहुत कुछ देखने को मिला। खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित काग्रेस के दिग्गज नेताओं से फोन पर बातचीत की।

अखिलेश यादव क्यों थे परेशान?

अगर राहुल गांधी यहां से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो 25 साल में पहली बार ऐसा होता कि गांधी परिवार का कोई सदस्य यूपी से चुनाव नहीं लड़ता। इसी बात को लेकर अखिलेश यादव परेशान थे। अखिलेश को लग रहा था कि गांधी परिवार से अगर यूपी में कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा तो इसका सीधा असर इंडिया गठबंधन पर होगा। सपा सूत्रों को मुताबिक, अखिलेश यादव ने सुबह-सुबह ही सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं से फोन पर बात की। सपा प्रमुख ने सभी को बताया कि अगर गांधी परिवार के सदस्य यूपी से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इसका सीधा नुकसान इंडिया गठबंधन पर होगा।

कांग्रेस कई नेताओं से ली राय

इसके बाद भी कांग्रेस की ओर से रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर किसी भी तरह का आश्वसान नजर नहीं आया। हालांकि, गुरुवार रात को कांग्रेस ने दोनों सीटों को लेकर अखिलेश यादव से फोन पर राय जानी। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव गांधी परिवार के सदस्य द्वारा चुनाव लड़े जाने की बात अड़े रहे। अखिलेश यादव ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने को कहा।

राजधानी दिल्ली में चला मंथन

अखिलेश यादव से राय लेने के बाद कांग्रेस ने बुधवार और गुरुवार को अपने राजनीतिक सलाहकार से राय मांगी। फैसला काफी जटिल था। कांग्रेस ने यूपी के भी दिग्गज नेताओं से भी राय ली। इस दौरान राहुल-प्रियंका के वैकल्पिक उम्मीदवार को भी तलाशे गए।

इन दोनों सीटों पर समस्या केवल दोनों नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर नहीं थी। बल्कि, राहुल गांधी नहीं चाहते हैं कि वह स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़कर अपनी लड़ाके वाली राजनीतिक छवि को खराब करें। ऐसे में राहुल गांधी ने अंत में गांधी परिवार की विरासत और रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया।

इधर, रायबरेली सीट पर राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के बाद अमेठी सीट से केएल शर्मा का नाम तय माना जा रहा था। पार्टी ने केएल शर्मा पर भरोसा जताया है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते तो शायद प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ती।

Created On :   3 May 2024 7:41 PM IST

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