जनसंख्या और परिसीमन: तमिलनाडु सीएम व डीएमके नेता एमके स्टालिन ने बुलाई बैठक, मान की मौजूदगी और ममता की दूरी बनी चर्चा का विषय

तमिलनाडु सीएम व डीएमके नेता एमके स्टालिन ने बुलाई बैठक, मान की मौजूदगी और ममता की दूरी बनी चर्चा का विषय
  • ममता बनर्जी विपक्ष के साथ हैं या नहीं?
  • जनसंख्या परिसीमन के समर्थन में टीएमसी!
  • इंडिया गठबंधन से भी ममता ने बनाई थी दूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री व डीएमके नेता एमके स्टालिन के नेतृत्व में हाल ही में चुनावी परिसीमन के विरोध में अलग अलग राज्यों के विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमस नेता ममता बनर्जी ने दूरी बनाई। हालांकि ममता बनर्जी विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में भी शामिल नहीं हुई थी। विपक्षी दलों का मानना है कि 2026 में प्रस्तावित जनगणना और इसी के आधार पर संसदीय सीटों का निर्धारण होने से दक्षिण के राज्यों में संसदीय सीटों की संख्या में नुकसान हो सकता है। संघीय ढांचे में साउथ स्टेट को लगता है कि उनकी सीटें कम होने से वे केंद्र में कमजोर हो जाएंगे।

टीएमसी नेता ममता बनर्जी की मीटिंग से दूरी के पीछे की मुख्य वजह ये सामने आ रही है कि वो अपने आपको को डीएमके नेता स्‍टालिन से काफी बड़ा महसूस करती है। स्टालिन का नेतृत्व ममता को पसंद नहीं आता है। यहीं वजह रही कि ममता ने इंडिया गठबंधन ने भी दूरी बनाई। इंडिया अलायंस यदि परिसीमन जैसे मुद्दे पर कोई गठजोड़ बनाती है तो उसे नेतृत्‍व देने के लिए 29 लोकसभा सांसदों वाली टीएमसी का दावा 22 लोकसभा सांसदों वाली डीएमके से पहले होगा।

तमिलनाडु सीएम स्टालिन इसका विरोध कर रहे है, स्टालिन ने विपक्षी दलों के नेताओं और मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। हालांकि उन्होंने उत्तर भारत के राज्यों के किसी भी सीएम को नहीं बुलाया। आपको बैठक में स्टालिन ने पंजाब के सीएम भगवंत मान और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को तो बुलाया था। मान ने मीटिंग में मौजूद रहे लेकिन ममता ने मीटिंग में शामिल नहीं हुई। हालांकि आपको बता दें बैठक में आरजेडी और सपा का कोई भी नेता मौजूद नहीं था , इसके पीछे की वजह शायद स्टालिन ने पंजाब सीएम को छोड़कर उत्तर भारत से किसी भी नेता को नहीं बुलाया था ।

आपको बता दें स्टालिन ने 22 मार्च को Joint Action Committee on delimitation की चेन्नई में मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में केरल के सीएम पी. विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सहित विपक्ष के कई नेताओं ने हिस्सा लिया। एक तो ममता बनर्जी खुद भी नहीं आईं, और ना ही अपनी सरकार या पार्टी के किसी प्रतिनिधि को भेजा। बस यहीं सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या ममता स्टालिन के साथ नहीं है, या फिर ममता बनर्जी जनसंख्या आधारित परिसीमन को सपोर्ट कर रही है। या फिर ये भी कहा जा सकता है जनसंख्या परिसीमन ने पश्चिम बंगाल को फायदा होगा।

Created On :   24 March 2025 7:53 PM IST

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