निर्वाचित v/s मनोनीत विधायक: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में पांच विधायकों को मनोनीत करने के विरोध में लगी याचिका को किया खारिज
- टॉप कोर्ट ने पिटीशनकर्ता से हाईकोर्ट जाने को कहा
- 2019 में अनुच्छेद 370 हटाया गया
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में लाया गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले पांच विधायकों के विरोध में लगी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में उपराज्यपाल की शक्ति को चुनौती दी गई थी। टॉप कोर्ट ने पिटीशनकर्ता से हाईकोर्ट जाने को कहा। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ के सामने कहा कि गैर-निर्वाचित उपराज्यपाल की ओर से इस तरह विधायकों की नियुक्ति से चुनावी फैसले पर असर पड़ सकता है।
आपको बता दें केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लाए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में उपराज्यपाल को विस्थापित कश्मीरी लोगों और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 5 विधायकों को मनोनीत करने की शक्ति दी गई है। याचिकाकर्ता ने इसी को चुनौती दी है।
रविंदर कुमार शर्मा की ओर से लगाई गई याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पी वी संजय कुमार की बेंच ने कहा कि वह इस केस पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कई केस में हाईकोर्ट से पहले जब हमने बार विचार किया, तो कई सारी बातें रह जाती है। दो जजों की बेंच ने याचिकाकर्ता को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा।
आपको बता दें 90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू-कश्मीर में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए है। चुनावी नतीजों में विपक्षी दलों के गठबंधन एनसी कांग्रेस को बहुमत मिला है।
Created On :   14 Oct 2024 2:06 PM GMT