महाराष्ट्र सियासत: एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले में शरद पवार को लगा बड़ा झटका, स्पीकर ने अजित पवार गुट को माना असली एनसीपी, खारिज की याचिकाएं
- एनसीपी विधायक आयोग्यता मामले में शरद पवार को झटका
- विधानसभा अध्यक्ष ने अजित पवार के पक्ष में सुनाया फैसला
- सुप्रीम कोर्ट ने दिया था स्पीकर राहुल नार्वेकर को आदेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एनसीपी विधायकों की आयोग्यता मामले में शरद पवार गुट को तगड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अजीत पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है। उन्होंने विधायकों को योग्य बताते हुए उनके खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया है। बता दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार एनसीपी के कुछ विधायकों को तोड़कर भाजपा सरकार के गठबंधन में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद पवार गुट ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी तोड़ने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
जिस पर अजित गुट ने खुद को असली एनसीपी बताते हुए कहा था कि उनके पास 41 विधायकों का समर्थन है। इससे पहले इसी महीने की 5 तारीख को चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला देते हुए अजित के गुट को ही असली एनसीपी बताया था। साथ ही शरद पवार गुट की एनसीपी का नाम 'एनसीपी शरद चंद्र पवार' फाइनल किया था।
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने फैसले में कहा कि शरद पवार के हिसाब से न चलने का अर्थ यह नहीं हुआ कि विधायकों ने पार्टी विरोधी काम किया है। पार्टी के अंदर की नाराजगी का मतलब विधान मंडल की नाराजगी नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के अंदर मतभेद हुआ पर विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया। एनसीपी के संविधान के मुताबिक पार्टी में वर्किंग कमेटी ही सर्वोच्च संस्था है। जिसमें 16 स्थायी सदस्य होते हैं। पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता। हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और विधायकी की ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है। पार्टी संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कि अब तक विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता मामले में एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था पार्टी तोड़कर जाने वाले विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब भी नहीं किया है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट 29 जनवरी को सुनवाई की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से 15 फरवरी तक इस मामले पर फैसला लेने की बात कही थी।
Created On :   15 Feb 2024 3:30 PM GMT