मेयर पर जिताऊ प्रत्याशी चाहती हैं पार्टी, निकाय चुनावों में नेताओं के बीच कड़ी टक्कर, क्या है बड़े शहरों का गणित?

The party wants a winning candidate for the mayor, a tough fight between the leaders in the civic elections
मेयर पर जिताऊ प्रत्याशी चाहती हैं पार्टी, निकाय चुनावों में नेताओं के बीच कड़ी टक्कर, क्या है बड़े शहरों का गणित?
मप्र. निकाय चुनाव 2022 मेयर पर जिताऊ प्रत्याशी चाहती हैं पार्टी, निकाय चुनावों में नेताओं के बीच कड़ी टक्कर, क्या है बड़े शहरों का गणित?
हाईलाइट
  • दावेदारों के चेहरे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में महापौर चुनावों का बिगुल बज चुका है। वैसे तो 16 नगर निगम की सीटों पर इलेक्शन है लेकिन सबसे ज्यादा नजर 4  महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर की सीटों पर टिकी है। इसे लेकर ही हर दल अपने दावेदारों को लेकर मंथन करने में जुट गया है।

आपको बता दें 16 नगर निगम के महापौर में से 25 फीसदी ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है । ओबीसी वर्ग के लिए भोपाल (महिला), सतना, रतलाम और खंडवा (महिला) निगम रिजर्व है।  एससी के लिए मुरैना (महिला) एवं उज्जैन, एसटी के लिए छिंदवाड़ा आरक्षित है। ऐसे में भाजपा  ऐसे चेहरों पर दांव खेलेंगी, जो जीते, इसके लिए वह पुराने के साथ नए चेहरों को भी मौका देकर मैदान में उतारेंगी। रिजर्वेशन के साथ महापौर के दावेदारों के चेहरे भी  बदले जाएंगे।

कांग्रेस ने सबसे पहले जीतने के पक्के इरादे से करीब आधी दर्जन  सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम फाइलन कर दिए है। वहीं कुछ सीटों पर चिंतन मंथन की बैठक जारी है। वैसे सबसे आपको बता दें कांग्रेश प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री  कमलनाथ ने पहले ही ये तय कर दिया था कि जीतने वाले दमदार कैंडिडेट को ही पार्टी प्रत्याशी बनाया जाएगा, इसके लिए उन्होंने संबंधित पार्टी  विधायक को फ्री हैंड दे दिया था।  इस छूट के चलते ही कांग्रेस की ओर से ऐसे प्रत्याशी को ही निकाय चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाया जा रहा है जो किसी भी तरह से विधायक से नजदीकी रखता है। 

कांग्रेस ने मेयर के लिए  6 शहरों से उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इंदौर नगर निगम से विधायक संजय शुक्ला, उज्जैन से  तराना विधायक महेश परमार का नाम लगभग तय है। ग्वालियर नगर निगम से  विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार,  सागर नगर निगम से विधायक शैलेंद्र जैन के भाई  सुनील निधि जैन , जबलपुर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह ,रीवा नगर निगम के लिए अजय मिश्रा का नाम करीब करीब फाइनल माने जा रहे है।

बात अगर बीजेपी की कि जाए तो ज्यादातर सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है। ऐसे में पार्टी जिताऊ चेहरे पर ही दांव लगाएंगी। हाल ही में  ओबीसी आरक्षण से पनपे बवाल से बीजेपी पूरी तरह चुनावों में दमखम दिखाएंगी।

ओबीसी महिला भोपाल मेयर

राजधानी होने के नाते सबसे चर्चित सीट बनी भोपाल महापौर सीट ओबीसी  महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में  सबसे प्रमुख दावेदार  प्रत्याशी गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर को माना जा रहा  हैं। वे पूर्व सीएम स्व. बाबूलाल गौर की बहू होने के साथ साथ पूर्व में भी मेयर रह चुकी है। अन्य नामों में मालती राय और राजो मालवीय के नामों को भी माना जा रहा है। हालांकि पार्टी की नई नीति नए युवा चेहरों को मौका देने की चल रही है , तब कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी ऐसे में किसी अन्य पढ़ी लिखी युवा चेहरे को मौका दे सकती है।   वहीं कांग्रेस की ओर से महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व महापौर विभा पटेल,संतोष कंसाना, और मोना साहू का नाम भी जोरों शोरों पर चल रहा है। 

जबलपुर नगर निगम मेयर-अनारक्षित
अनारक्षित  इस सीट पर कोई भी उम्मीवार बन सकता  है। पिछली बार स्वाति गोडबोले मेयर थीं। इस बार भाजपा से डॉ. जितेंद्र जामदार, संदीप जैन, आशीष दुबे और कमलेश अग्रवाल प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं।  कांग्रेस की तरफ से जगत बहादुर अन्नू का नाम फाइनल कर दिया है। अन्नू वर्तमान में शहर कांग्रेस अध्यक्ष हैं। खुद और पत्नी पार्षद रह चुकी हैं। विवेक तन्खा के करीबी हैं।

अनारक्षित महापौर इंदौर नगर निगम

इंदौर नगर निगम में मेयर सीट अनारक्षित है। बीजेपी खेमे में संघ और संगठन में पकड़ रखने वाले डॉ. निशांत खरे और मौजूदा विधायक रमेश मेंदोला अहम नाम है। 

ग्वालियर, मुरैना में बिगड़ सकता है बीजेपी का गणित

चंबल इलाके की दो महापौर सीट मुरैना और ग्वालियर पर दोनों ही पार्टियों के समीकरण बनते बिगड़ते रहते है। इसमें बसपा किस पार्टी के वोटों में सैंध लगाएंगी ये आने वाला समय ही बताएंगी। बसपा भी मजबूत कैंडिडेट उतारने की फिराक में है। बीजेपी की ओर से पूर्व मंत्री माया सिंह को प्रबल प्रत्याशी माना जा रहा है। 

मुरैना मेयर सीट पर कांग्रेस में दर्जनभर संभावित प्रत्याशी होने की वजह से  पार्टी के लिए बेहतर प्रत्याशी चुनना मुश्किल काम है। कांग्रेस के नेता यहां बीजेपी की तर्ज पर जातियों में भी उपजाति वोट बैंक बैंलेस करने की बात कह रहे है। वैसे इस सीट पर वर्तमान में बीजेपी के पूर्व सांसद अशोक अर्गल का कब्जा है। अब देखना है कि  बीजेपी कद्दावर नेता अर्गल परिवार पर भरोसा रखती है या किसी दूसरे चेहरे पर। वैसे अनुमान लगाया जा रहा है कि आरएसएस संघ में पकड़ रखने वाले मुकेश जाटव के परिवार के किसी सदस्य  को भी उम्मीदवार घोषित कर सकती है। मुरैना महापौर सीट पर कांग्रेस की ओर से केशकली राकेश जाटव, व पूर्व अजाक्स जिला अध्यक्ष राजवीर अग्निहोत्री की पत्नी संगीता अग्निहोत्री जो पूर्व में डॉ अंबेडकर समन्वय कमेटी की अध्यक्ष भी रह चुकी है ,को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। युवाओं और शिक्षा वर्ग में अच्छी पकड़ होने के चलते संगीता अग्निहोत्री को उम्मीदवार बनाए जाने के समर्थन में अजाक्स संघ के कर्मचारी भी है। कांग्रेस की ओर से शारदा राजेंद्र  सोलंकी के नाम पर चर्चा चल रही है लेकिन हाल ही में सोलंकी को पार्टी में अजा संगठन के पद से नवाजा गया है।


 

 

Created On :   2 Jun 2022 3:09 PM IST

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