राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले ही घोषित हो जाएगा सीएम पद का उम्मीदवार! इस नेता ने बताई ये होगा सीएम पद का फेस
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान की सियासत हमेशा से ही सुर्खियों में बनी रहती है। प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस और बीजेपी में वार-पलटवार तो चलते रहते हैं। लेकिन इन सब से दिलचस्प रही है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच की खींचतान, जो सीएम पद के लिए अभी भी बरकरार है। दोनों नेताओं में राज्य का सीएम बनने के लिए होड़ मची रहती है। एक बार फिर पायलट गुट के विधायक और एससी कमीशन के चेयमैन लाल बैरवा ने सचिन पायलट को सीएम पद के लिए उम्मीदवार बताया है। बैरवा के इस दांव पर राजस्थान की सियासत एक बार फिर गरमाने की संभावना जताई जा रही है।
बैरवा ने किया बड़ा दावा
राजस्थान के विधानसभा चुनाव के ठीक कुछ महिनों पहले बैरवा का यह दावा एक बार फिर सियासतदानों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि, क्या पायलट वाकई आगामी चुनाव में पार्टी की ओर से सीएम पद के लिए उम्मीदवार होंगे। विधायक की बात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि उन्होंने यह पूरा बयान सचिन पायलट से मुलाकात करने के तुरंत बाद दिया। बैरवा ने सचिन पायलट से उनके आवास पर मुलाकात की। जिसके बाद वह पत्रकारों से मुखातिब हुए। तभी उन्होंने पायलट को सीएम पद का फेस होने का दावा किया।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पार्टी के अनुशासनहीनता पर जवाब दिया कि जिन तीन वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी के अनुशासन तोड़ने के आरोप लगे थे। उन्हें बंद नहीं किया गया है। बता दें कि पिछले दिनों मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद राठौड़ा पर पार्टी की बैठक में बाधा डालने के खिलाफ नोटिस दिया गया था।
गहलोत-पायलट को बताया पार्टी की संपत्ति
मीडिया से बातचीत करते समय बैरवा ने कहा कि सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ की राजधानी में दो दिवसीय अधिवेशन के बाद सीएम पद का उम्मीदावर कभी भी घोषित किया जा सकता है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट को बैरवा ने पार्टी की संपत्ति बताया और कहा कि पायलट वर्किंग कैपिटल जबकि गहलोत फिक्स्ड डिपॉजिट हैं। दोनों नेता पार्टी के लिए अहम कड़ी हैं। राजस्थान की सियासत में गहलोत-पायलट कांग्रेस को मजबूत करने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। गौरतलब है कि, कांग्रेस पार्टी की बैठक रायपुर में 24 से 26 तारीख को होने वाली है।
सचिन ने उठाए अहम सवाल
पार्टी के अनुशासनहीनता पर सचिन पायलट भी सवाल खड़े कर चुके हैं। पायलट ने बुधवार को कहा था विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं सौंपा था। पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में पायलट ने कहा, "यदि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं दिया तो वे किसके दबाव में थे? क्या उन्हें डराया था? इस विषय पर पार्टी जांच करे।" नेताओं पर कार्रवाई में देरी पर पायलट ने कहा कि अगर राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड तोड़ना है तो पार्टी में खामियों को दूर करना होगा। तभी हम राजस्थान में अपनी दोबारा सरकार बना पाएंगे।
Created On :   17 Feb 2023 3:24 PM IST