शिक्षक भर्ती घोटाला: डब्ल्यूबीबीपीई की कलकत्ता उच्च न्यायालय से अपील, आंदोलन पर लगाएं रोक
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं को लेकर नए सिरे से आंदोलन शुरू हो गया है और साल्ट लेक में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइम एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के कार्यालय के पास प्रदर्शन किया जा रहा है। बोर्ड ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की और इस मामले में सड़कों पर हो रहे विरोध को समाप्त करने की मांग की।
न्यायमूर्ति लपिता बंदोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए मामले में तेजी से सुनवाई के लिए डब्ल्यूबीबीपीई के वकील की याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस बंदोपाध्याय ने फास्ट ट्रैक आधार पर सुनवाई की याचिका खारिज करते हुए डब्ल्यूबीबीपीई के वकील से पूछा- सुनवाई की क्या जल्दी है? कुछ दिनों से आंदोलन चल रहा है, अगर एक दिन और जारी रहा तो क्या नुकसान होगा?
डब्ल्यूबीबीपीई के नवनियुक्त अध्यक्ष गौतम पाल ने कहा कि कार्यालय के गेट के पास आंदोलन के कारण कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश करने में कठिनाई हो रही है। पाल ने आरोप लगाया, सुरक्षा में सेंध लगने की आशंका है और बोर्ड कार्यालय का सामान्य संचालन बाधित हो रहा है। डब्ल्यूबीबीपीई ने कहा कि 2014 की प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं किए गए आंदोलनकारी उम्मीदवारों को पैनल में शामिल होने के लिए नए सिरे से परीक्षा देनी होगी।
हालांकि, आंदोलनकारी उम्मीदवार नई परीक्षाओं के लिए इच्छुक नहीं हैं क्योंकि वह पहले ही एक बार उत्तीर्ण हो चुके हैं और फिर उन्हें अनुचित माध्यम से नौकरी से वंचित कर दिया गया है, इसलिए वह अपनी सीधी भर्ती की मांग कर रहे हैं। उम्मीदवारों, जिनमें से कई साल्ट लेक क्षेत्र की सड़कों पर अपने बच्चों के साथ आंदोलन कर रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व डब्ल्यूबीबीपीई अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य के भ्रष्टाचार के कारण उन्हें नियुक्ति से वंचित किया गया।
एक आंदोलनकारी ने कहा- वह (माणिक भट्टाचार्य) अब केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में है। लेकिन वर्तमान डब्ल्यूबीबीपीई अध्यक्ष भी हमें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक झूठा आरोप है कि हमारे आंदोलन के कारण डब्ल्यूबीबीपीई कार्यालय में सामान्य संचालन बाधित हो रहा है। हम शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   19 Oct 2022 7:01 PM IST